जयपुर।’माई कंट्री, माई लाईफ’ में मैने अपने देश और अपने अनुभवों का साझा किया है। मुझे खेद है कि इस पुस्तक में मैनें राज्सथान विधान सभा से जुड़े अनुभवों को शामिल नहीं किया है। उक्त सम्बोधन देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद लालकृष्ण आडवाणी ने जयपुर में सुंदर सिंह भंडारी ट्रस्ट उदयपुर की ओर से पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरो सिंह शेखावत की जंयती के अवसर पर कहे।
उन्होंने अपनी किताब के प्रमुख अंशों का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने कई विधान सभा देखी , लोकसभा का सदस्य बना, देश के लोकतांत्रिक ढांचे का अहम पिलर रहा और हूं इस बात की मुझे अपार खुशी है। इस किताब के जरिये में अपने जीवन के विशालतम अनुभवों को आप सभी से साझा करने का प्रयास किया है। वे इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा के वरिष्ठ विधायकों के सम्मान में आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होने पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरो सिंह शेखावत की जंयती के अवसर पर बोलते हुए कहा कि भैरोंसिंह शेखावत ने देश के लोकतंत्र को एक नई दिशा दी है। उन्होंने देश को लोकतंत्र का सबक सिखाने का कठिनतम प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भैंरो सिंह शेखावत का कार्यशैली अद्भुत थी, उनमें लोगों को आकर्षण करने की बड़ी कला थी। इस अवसर पर आयोजित वरिष्ठ विधायकों के सम्मान में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष सुंदर लाल, नेशनल पीपुल्स पार्टी के विधायक किरोड़ी लाल मीणा,आदिवासी क्षेत्रीय विकास मंत्री नंदलाल मीणा, पूर्व भाजपा विधायक देवी सिंह भाटी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सरकार के मंत्री विधायकों समेत राज्यपाल कल्याण सिंह भी मौजूद रहे।