जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैबिनेट का आज गठन हो गया। साथी दल के इकलौते विधायक, भरतपुर के पूर्व महाराजा और एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने पहली बार मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री पद के लिए नाम तय करने के दौरान 2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखा गया है। इसमें जातीय समीकरण और साथी दलों को साधने की विशेष तौर पर कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के शपथ लेने के एक सप्ताह बाद आज 23 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।
बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के इकलौते विधायक सुभाष गर्ग के समर्थन से बहुमत तक पहुंची थी। गर्ग को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रायशुमारी से बनाए गए मंत्रीमंडल में अनुभवी और नए चेहरे दोनों को जगह दी गई है। कुछ पूर्व मंत्रीयों को भी शामिल किया गया है लेकिन पहली बार बने विधायकों को इसमें नहीं रखा गया। अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इसमें जातीय समीकरण और साथी दलों को साधने की कोशिश की गई है।
ये हैं कैबिनेट मंत्री
बी डी कल्ला, रघु शर्मा, शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, परसादी लाल मीणा, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, भंवर लाल मेघवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदय लाल अंजाना और सालेह मोहम्मद।
ये हैं राज्यमंत्री
गोविंद सिंह डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन सिंह बामनिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जोली, भजनलाल जाटव, राजेन्द्र सिंह यादव और आरएलडी के सुभाष गर्ग।