featured दुनिया

‘कतर ने जनवरी 2019 में ओपेक की सदस्यता वापस लेने का फैसला किया

opec 'कतर ने जनवरी 2019 में ओपेक की सदस्यता वापस लेने का फैसला किया

नई दिल्ली। दुनिया में सबसे ज्यादा एलएनजी का निर्यात करने वाला देश कतर अगले वर्ष तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक से बाहर निकल जाएगा। कतर के एनर्जी मिनिस्टर साद अल-काबी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनका देश अब गैस उत्पादन पर विशेष ध्यान देने जा रहा है, इसलिए तेल उत्पादकों का संगठन छोड़ने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, ‘कतर ने जनवरी 2019 में ओपेक की सदस्यता वापस लेने का फैसला किया और ओपेक को इसकी जानकारी दे दी गई है।

opec 'कतर ने जनवरी 2019 में ओपेक की सदस्यता वापस लेने का फैसला किया

 

गौरतलब है कि कतर ने यह बड़ा फैसला आगामी 6 दिसंबर को होने वाली ओपेक देशों की मीटिंग से ठीक पहले लिया है। वह ओपेक के गठन के एक वर्ष बाद ही 1961 से इसका सदस्य बन गया था। यह पहला मौका है जब 1960 में ओपेक के गठन के बाद किसी पश्चिमी एशियाई देश ने इससे बाहर निकलने का निर्णय लिया है। बहरहाल, यह जानना जरूरी है कि सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र जैसे पड़ोसी देशों के साथ कतर का कूटनीतिक संबंध लगातार बिगड़ता जा रहा है। दरअसल, इन देशों ने आतंकवाद का समर्थन करने के आरोप में कतर पर पिछले वर्ष जून से ही व्यापारिक एवं आवाजाही जैसी गतिविधियों पर रोक लगा रखी है। हालांकि कतर का कहना है कि यह फैसला किसी तरह के राजनीतिक दबाव में नहीं लिया गया है।

वहीं काबी ने कहा कि कतर आगे भी कच्चा तेल का उत्पादन जारी रखेगा, लेकिन वह गैस उत्पादन पर अधिक ध्यान देने वाला है क्योंकि वह विश्व में एलएनजी का सबसे बड़ा निर्यातक है। काबी ने कहा, ‘कच्चे तेल में हमारे लिए अधिक संभावनाएं नहीं हैं। हम वास्तविकता पर यकीन करते हैं। हमारी संभावनाएं गैस में हैं।’ काबी ने कहा कि ओपेक को घोषणा से पहले ही इस निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है।

साथ ही कतर के एनर्जी मिनिस्टर ने कहा, ‘हम इस संगठन में छोटे प्लेयर हैं और हमें अपने विकास पर ध्यान देना है। इसलिए हम संगठन से अलग हो रहे हैं।’ हालांकि कतर बड़ा हिस्सेदार न होते भी ओपेक के लिए महत्वपूर्ण है। कतर 6 लाख बैरल प्रति दिन (bpd) का उत्पादन करता है। वहीं सऊदी अरब 1करोड़ 10 लाख bpd का उत्पादन करता है और दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक और निर्यातक है। दोहा LNG के मामले में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों के लिए ट्रेड वॉर रोके जाने के समझौते के बाद तेल की कीमतों में 5 फीसदी का इजाफा हुआ था। हालांकि ब्रेंट क्रूड की कीमतें कम ही रहीं। ओपेक में कतर के प्रतिनिधि ने कहा कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित नहीं है बल्कि एक लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजी के तहत लिया गया है। इससे 2024 तक LNG के उत्पादन में बड़ी वृद्धि करने में मदद मिलेगी।

Related posts

दरिंदों ने किया धर्मनगरी मथुरा को शर्मसार, मंदिर में साध्वी के साथ रेप देखें सीसीटीवी फुटेज

piyush shukla

देश भर में आज मनाया जा रहा है ‘बकरीद’ का त्योहार

Rahul srivastava

पट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी, जानें महानगरों में क्या हैं कीमत

Shagun Kochhar