चंडीगढ़। एस.वाई.एल. नहर मामले में रोज नया विवाद बढ़ता जा रहा है । अब सूबे की बादल सरकार ने इस मामले में एक नया अध्याय जोड कर नया ड्राम खड़ा कर दिया है। बादल सरकार ने कहा कि 1 नवंबर 1966 से गैर रिपेरियन राज्य हरियाणा,राजस्थान और दिल्ली से वह दिए गये पानी की कीमत वसूलेगा। जिसके बाद सियासी गलियारों में खासा बवाल खड़ा हो गया है।
बादल सरकार की ओर से आज विधान सभा में एक दिन के विशेष सत्र का आयोजन कर इस मामले में एक रॉयल्टी बिल पास किया गया। जिसके बाद सरकार अब इन राज्यों के बिल भेज कर इन से इसका भुगतान करने का दबाव बनायेगी। सरकार ने विधान सभा का विशेष सत्र केवल इसी प्रकरण के लिए आहुत किया था। जिसमें इन राज्यों से पानी के सन्दर्भ में रॉयल्टी वसूलने का प्रस्ताव पेश किया गया।
पंजाब सरकार का कहना है कि 1 नवम्बर 1966 से लगातार दिए गये पानी की रॉयल्टी हरियाणा और राजस्थान को देना होगा। फिलहाल सरकार का ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से विधान सभा के पटल पर पास कर दिया गया है। इसके साथ ही राज्य के अन्य राज्यों से हुए जल समझौते अब रद्द हो गये हैं। फिलहाल सरकार का ये कदम आने वाले दिनो में बड़े सियासी हलचल को जन्म देगा।