चंडीगढ़। पंजाब चुनाव को मद्देनजर रखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां अपना जारे शोर आजमाने के प्रयास में हैं। आम आदमी पार्टी चुनाव राज्य में अपनी लोकप्रियता को बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पंजाब में करीब 32 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है, जिसको ध्यान में रखते हुए केजरीवाल इस सप्ताह लोगों को लुभाने के लिए दलित घोषणा पत्र जारी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पंजाब का विधानसभा चुनाव इन दिनाें केजरीवाल के सबसे बड़े लक्ष्यों में से एक है। हाल ही में प्रधानमंत्री के नोटबंदी की घोषणा को केजरीवाल ने मुद्दा बनाते हुए कई बार सरकार को निशाना साधा है और लोगों को स्वयं तक आकर्षित करने का प्रयास किया है। अब पंजाब चुनाव में सरकार के इस फैसले के खिलाफ जनता को अरविंद केजरीवाल अपने खेमे में लाने की कवायद कर रहे हैं। जिसके लिए उन्होने फुलप्रूफ तैयारी कर ली है।
वे अपनी 90 रैलियों में सबसे पहले पंजाब से अपने कार्यक्रम का आगाज कर सरकार पर निशाना साधने के साथ अपना चुनावी बिगुल भी फूंकेंगे। इसके लिए वे वाकायदा 20 नवम्बर से पंजाब के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान तकरीबन 20 से ज्यादा जगहों पर वो अपनी रैलियों को सम्बोधित करेंगे।
आपको बता दें कि पंजाब में चुनाव के दौरान केजरीवाल दलित वोटबैंक को मुद्दा बना सकते हैं, आप के राष्ट्रीय संगठन निर्माण अध्यक्ष की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि आप के दलित और बहुल इलाकों में करीब दस सभाओं का आयोजन किया जा सकता है। केजरीवाल का दलित घोषणापत्र आने वाले चुनाव की राह तय करेगा।