नई दिल्ली। खादी ग्रामोद्योग पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैंलेडर और डायरी पर फोटो छपने के बाद काफी बवाल मच गया और बढ़ते मामले को रफा-दफा करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने अब उद्योग से जवाब मांगा है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक खादी उद्योग ने पीएम मोदी की फोटो बिना कार्यालय की इजाजत के छापी थी जिसके बाद से उनको तलब किया गया।
कहा जा रहा है कि पीएम मोदी सरकारी अधिकारियों से नाराज है। जिसके चलते ये कदम उठाया गया। हालांकि ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब प्रधानमंत्री की तस्वीर किसी विज्ञापन पर छपी है। इससे पहले भी जियो और पेटीएम के विज्ञापनों पर फोटो का इस्तेमाल किया जा चुका है।
इस पूरे मामले पर भारत खबर ने सबसे पहले खादी ग्रामोद्योग से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इस मामले पर बात करने से साफतौर पर मना कर दिया। जिसके बाद भारत खबर ने कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी से बात की और उनकी राय मांगने की कोशिश की।
अलवी जी ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का व्यवहार ऐसा दर्शाता है जैसे वो सरकारी कर्मचारी हों। प्रधानमंत्री इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं कि हर आदमी उनकी चापलूसी और खुश करने में लगा है। इससे पहले भी इस तरह के मामले होते रहे है जब पब्लिक डोमेने में बात आ जाती है तो ऐतराज होता है। उसके बाद प्रधानमंत्री कह देते है कि हमारी परमीशन के बिना ऐसा किया गया।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर कोई ऐतराज नहीं है कि कैंलेडर और डायरी पर किसी और की तस्वीर छापी जाए लेकिन अगर नरेंद्र मोदी गांधी बनने की कोशिश करेंगे तो जरुर ऐतराज होगा। क्या नरेंद्र मोदी ने कभी चरखा चलाया है जो उस पर चरखा चलाती तस्वीर बना रहे है? तो क्या वो अपने आप को गांधी की जगह रखना चाहते है?
(शिप्रा सक्सेना)