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PM मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 50वें ऐपिसोड को संबोधित किया

PM मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 50वें ऐपिसोड को संबोधित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात‘ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 5 अक्टूबर 2014 को मन की बात शुरू हुई थी। आज इसके 50 ऐपिसोड पूरे हुए हैं।पीएम ने कहा कि इस बार मानकी बात का गोल्डन जुबली ऐपिसोड है। मोदी ने कहा कि अबकी बार आए पत्रों में भी इसी संबंध में सवाल पूछें गए हैं।

 

PM मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 50वें ऐपिसोड को संबोधित किया
PM मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 50वें ऐपिसोड को संबोधित किया

 

‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 50 ऐपिसोड पूरे होने पर देश को बधाई दी। मोदी ने कहा कि यह ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें आवाज मेरी, लेकिन भावना आपकी है। मोदी ने ‘मन की बात’ के इस सत्र में संविधान दिवस और गुरु नानक देव जयंती का भी जिक्र किया।

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कार्यक्रम में कई लोगों ने सवाल किए हैं कि आज के युग में जब रेडियो को भूला दिया गया है, तो मोदी जी ने इस कार्यक्रम के लिए रेडियो को ही क्यो चुना?उक्त सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि ‘एक बार हिमाचल की पहाड़ियों में चाय पीने के लिए रुका। चाय वाले ने शीशे के बर्तन से लड्डू निकालकर मीठा खिलाया। मैंने पूछा कोई खुशी की बात है क्या? चाय वाले ने कहा भारत ने बम फोड़ दिया है।पीएम ने कहा कि वास्तव में चायवाला मित्र परमाणु परीक्षण का जिक्र कर रहा था। उसने यह सूचना रेडियो पर सुनी थी” पीएम ने इस उदाहरण से रेडियो की खबर का प्रभाव बताते हुए कहा कि कम्युनिकेशन की रीच की बराबरी रेडियो से नहीं की जा सकती।

70 प्रतिशत लोग नियमित मन की बात सुनते 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के ’50 ऐपिसोड का यह सफर हम सबने मिलकर पूरा किया है। आकाशवाणी ने भी इस पर सर्वे किया है।70 प्रतिशत लोग नियमित मन की बात सुनते हैं। पीएम ने कहा कि इससे समाज में सकारात्मकता आई है। लोगों ने अपना अनुभव शेयर किया है।मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे खुशी हुई कि मन की बात के कारण रेडियो लोकप्रिय हो रहा है। मोदी ने कहा कि लोग, टीवी और इंटरनेट के द्वारा भी मन की बात से जुड़ रहे हैं।

मन की बात में लोगों के कुछ सवाल

आपको बता दें कि हैदराबाद की शालिनी ने पीएम से सवाल पूछा, ‘शुरू में लग रहा था कि मन की बात भी राजनीतिक बनकर रह जाएगा, लेकिन अब इसमें कहीं भी राजनीति नहीं है। इस मंच को राजनीति से दूर रखने में आप कैसे सफल हुए हैं?’ इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नेता को माइक मिल जाए और लाखों सुनने वाले हों तो और क्या चाहिए। कुछ युवाओं ने मन की बात के कार्यक्रम का विश्लेषण किया। जिसमें मन की बात कार्यक्रम पूरी तरह अराजनीतिक रहा। इसमें कहीं भी राजनीति, पार्टी और मोदी नहीं है।उन्होंने कहा कि ‘मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन देश अटल रहेगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हर पल मेरे देशवासी, मेरे मन में रचे बसे होते हैं और इसलिए जब भी कोई पत्र पढ़ता हूं तो पत्र लिखने वाले की परिस्थिति, उसके भाव, मेरे विचार का हिस्सा बन जाते हैं। वो पत्र मेरे लिए सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं रहता है और वैसे ही मैंने करीब 40-45 साल अखंड रूप से एक परिव्राजक का जीवन जीया है। देश के अधिकतर जिलों में गया हूं और देश के दूर-दराज जिलों में मैंने काफी समय भी बिताया है। इसी कारण जब मैं पत्र पढ़ता हूं तो मैं उस स्थान और सन्दर्भ से आसानी से अपने आप को उनके करीब पाता हूं।

प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि आकाशवाणी की टीम हर ऐपिसोड को बहुत सारी भाषाओं में प्रसारण के लिए तैयार करती है। कुछ लोग बखूबी क्षेत्रीय में मोदी से मिलती-जुलती आवाज में और उसी लहजे से ‘मन की बात’ सुनाते हैं। इस तरह से वे उस 30 मिनट के लिए नरेन्द्र मोदी ही बन जाते हैं। मैं उन लोगों को भी उनके टैलेंट और स्किल्स के लिए बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं।’

मोदी ने किया  संविधान दिवस का जिक्र

मोदी ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘कल ‘संविधान दिवस’ है। उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया।प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 नवम्बर,1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था।पीएम ने कहा, संविधान ड्राफ्ट करने के इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे। कल्पना कीजिए 3 वर्ष के भीतर ही इन महान विभूतियों ने हमें इतना व्यापक और विस्तृत संविधान दिया। इन्होंने जिस असाधारण गति से संविधान का निर्माण किया वो आज भी टाइम मैनेजमेंट और प्रॉडक्टिविटी का एक उदाहरण है। ये हमें भी अपने दायित्वों को रेकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए प्रेरित करता है।

संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम थी। उनमें से हर कोई अपने देश को एक ऐसा संविधान देने के लिए प्रतिबद्ध था जिससे भारत के लोग सशक्त हों, गरीब से गरीब व्यक्ति भी समर्थ बने।प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के माध्यम से संविधान की विशेषता बताई। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में खास बात यही है कि इसमें अधिकार और कर्तव्य के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जाएगा ।

गुरु नानक देव जी ने पूरी मानवता के कल्याण के लिए काम किया

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में गुरू नानक देव जी की जयंती का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियो, दो दिन पहले 23 नवम्बर को हम सबने गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई है और अगले वर्ष यानी 2019 में हम उनका 550वां प्रकाश-पर्व मनाने जा रहे हैं। गुरु नानक देव जी ने सदा ही पूरी मानवता के कल्याण के लिए सोचा।उन्होंने समाज को हमेशा सत्य, कर्म, सेवा, करुणा और सौहार्द का मार्ग दिखाया।

महेश कुमार यादव

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