नई दिल्ली। लोहड़ी के ठीक एक दिन बाद मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर सूर्य को नमस्कार करते है और उनकी आराधना करते है। ऐसा कहा जाता है इस दिन दान पुण्य करना काफी शुभदायी होता है।
सूर्य देवता ने किया मकर राशि में प्रेवश:-
मकर संक्रांति का त्योहार हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। कहा जाता है कि आज ही के दिन सूर्य देवता धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते है। ये समय काफी शुभ होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आज सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर सूर्य देव ने मकर राशि में प्रवेश किया जिसका पुण्यकाल सूर्योंदय से दोपहर 2 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। सूर्य देव के उत्तरायण होने पर पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है।
सबसे दुर्लभ योग है आज:-
शनिवार का दिन शनि देवता का होता है बल्कि वो मकर राशि के भी स्वामी है और इस साल मकर संक्रांति शनिवार यानि आज ही है जिसे ज्योतिषाचार्यों ने एक दुर्लभ योग बताया है। हिन्दू मान्यता के अनुसार साल की 12 संक्रांतियों में मकर संक्रांति का सबसे ज्यादा महत्व होता है। कहा जाता है इस दिन सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसके साथ देवताओं का दिन शुरु हो जाता है जो कि देवशयनी एकादशी से सुप्त हो जाते है।
आज करें दान मिलेगा पुण्य:-
वैसे तो दान करना हमेशा से ही शुभकारी होता है लेकिन मकर संक्रांति के दिन दान करने से आपका एक दान से हजार गुना पुण्य मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत होती है इसलिए कड़वी बातों को भुलाकर नई शुरुआत की जाती है।
ये चीजें करें दान:-
-तिल का दान करें।
-गरीबों को गुड़ और कपड़े का दान करें।
-चावल, खिचड़ी की डाल और घी का दान किया जाता है।
-तिल से बनी रेवड़ी, गजक और लड्डू का दान करना चाहिए।
सब तीरथ बार-बार गंगासागर एक बार:-
गंगासागर को भारत में एक विशेष महत्व दिया गाया है। भारत में गंगा नदी को खास स्थान दिया गया है। गंगा गंगोत्री से निकलकर पश्चिम बंगाल में सागर से मिल जाती है उसे गंगासागर कहा जाता है और यहां पर सबसे बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। जिसकी शुरुआत एक सप्ताह पहले हो चुकी है। हिंदू धर्म में गंगासागर को मोक्षधाम का स्थान दिया गया है। इसी वजह से लोग यहां पर आस्था की एक डुबकी लगाने के लिए काफी दूर-दूर से आते है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं इस मौके पर यहां पर करीबन 20 लाख लोग आ सकते है।
पतंगबाजी करने के साथ बनाए जाते है तिल के लड्डू:-
मकर संक्रांति भारत में इकलौता ऐसा त्योहार है जो हर साल एक ही तारीख को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में तिल के लड्डू बनाते और युवा पतंगबाजी करते है। संक्रांति के दिन तिल और गुड़ के लड्डू बनाना एक परंपरा है। ऐसा कहा जाता है इसकी पीछे की वजह कड़वी बातों को भुलाकर मिठास भरी नई शुरुआत है। वहीं पतंगबाजी भी शरीर के लिए काफी लाभकारी होती है। कहा जाता है कि अगर सर्द हवाओं के बीच पतंग उडा़ई जाती है तो वो त्वचा के लिए अच्छा होता है और इससे शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन डी मिलता है।
मकर संक्रांति से होती है कई तीर्थो की शुरुआत:-
मकर संक्रांति के दिन से भारत में कई तीर्थो की शुरुआत होती है। उत्तर भारत में कुंभ मेला शुरु होता है तो केरल में मशहूर शबरीमाल। आज के दिन बनारस, इलाहाबाद और गंगासागर सहित देश के प्रमुख स्थानों में हजारों-लाखों की संख्या में लोग इकट्ठा होते है और आस्था की डुबकी लगाकर सूर्य देवता को नमन करते हैं।
आज से होंगे दिन और रात बराबर:-
वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन से सर्दी कम हो जाती है और रात-दिन बराबर हो जाते है। इसके बाद से दिन लंबे और मौसम में गर्माहट होनी शरु हो जाती है।