पिथौरागढ़। नैनीताल उच्च न्यायालय के प्रदेश में खनन पर रोक के आदेश के बाद खननकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। खड़िया, मैग्नेसाइट सहित उप खनिज के 40 पट्टे हैं जिस पर कार्रवाई होनी है। बताया जा रहा है कि जिन पट्टों पर कार्रवाई करने के लिए प्रशासन ने कमर कसी है उनमें 24 पट्टे खनिजों के और 16 पट्टे उपखनिजों के हैं। जिसके खनन से प्रति वर्ष साढ़े दस करोड़ का राजस्व मिलता है।
बताते चलें कि पिथौरागढ़ जिले में सरयू, रामगंगा, गोरी , काली नदी सहित अन्य छोटी नदियों गुरजिया गाड़, चरमा नदी आदि में उप खनिजों का खनन होता है। सरयू नदी में सेराघाट, घाट, रामेश्वर सहित आधा दर्जन स्थानों रामगंगा नदी पर नाचनी, थल, किमतोली, मुवानी, गोरी नदी में मदकोट, छोरीबगड़, काली नदी में कई स्थानों पर साल भर उप खनिजों का खनन चलता रहता है।
तहसील देवलथल में देवलथल , तहसील बंगापानी के घटियाबगड़ तोली , बेरीनाग तहसील के पुरानाथल , राईगढ़स्यारी , बेड़ाआगर, रीठा , रेतोली , जाड़ापानी और चैड़मन्या , गणाईगंगोली तहसील के डसीलाखेत, ओलियागांव ,रौलगड़ा और दुबोड़ा गनाई में खड़िया खनन के 24 पट्टे हैं। कनालीछीना के छड़नदेव में मैग्नेसाइट सहित पूरे जिले में उप खनिजों के 16 पट्टे हैं। इन पट्टों से सरकार को एक अप्रैल से फरवरी तक प्रतिमाह साढ़े दस हजार का राजस्व मिलता है। जिले में नदियों से चोरी छिपे उप खनिजों का अवैध खनन वैध से कई अधिक है। जिससे कई गांवों को खतरा बना हुआ है। इसके विरोध में जनता आवाज उठाती रहती है।
इस बारे में जानकारी देते हुए नवागत जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि उच्च न्यायालय के नए आदेश के बारे में सूचना मिली है। आदेश के पहुंचते ही प्रशासन खनन को रोकेगा। इसके लिए राजस्व विभाग और पुलिस को खनन वाले क्षेत्रों की स्थिति का पता लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं।