करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखे हुए एक महीना हो गया इसके बाद पाकिस्तान ने पहला कदम उठाया है। पाकिस्तान सरकार ने इस कॉरिडोर के संचालन के संबंध में दोनों देशों ( भारत-पाकिस्तन) की बैठक से पहले भारत को एक ड्राफ्ट भेजा है। खबर के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से भेजे गए इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि इस गलियारे का मुख्य उद्देश्य करतारपुर में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा मुहैया कराना है। इसके लिए दोनों पक्षों (भारत और पाकिस्तान) को सक्रिय होना चाहिए। जिससे वे अपने-अपने क्षेत्र में बुनियादी ढांचा तैयार कर सके।
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पाकिस्तान के इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि भारतीय तीर्थयात्रियों का डेटाबेस दोनों देश तैयार करेंगे। इस डेटाबेस में उनकी मौजूदा जानकारी होगी। साथ ही पाकिस्तान तीर्थयात्रियों को इन शर्तों के तहत कॉरिडोर तक आने की अनुमति देगा। आइए जानते हैं ये शर्तें क्या हैं।
पाक द्वारा भेजे गए ड्राफ्ट की शर्तें.
पहली शर्त है कि समूह में कम से कम 15 तीर्थयात्री हों
तीर्थयात्रियों को अपने पास वैध पासपोर्ट और प्रासंगिक सुरक्षा निकासी दस्तावेज रखना होगा।
भारत को तीर्थयात्रियों के सभी विवरणों के साथ उनके आने की सूचना तीन दिन पहले देनी होगी।
परमिट सिर्फ करतारपुर की यात्रा के लिए जारी किया जाएगा।
एक दिन में 500 से अधिक तीर्थयात्रियों को आने का परमिट नहीं दिया जाएगा।
भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए गलियारा सुबह 8 से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।
ड्राफ्ट में पाकिस्तान का कहना है कि वह किसी भी समय तीर्थयात्री को मना करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। समझौता दोनों देशों (पाकिस्तान और भारत) के राष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक लागू किया जाएगा। पाकिस्तान के कानूनों और नियमों का पालन करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कोई छूट नहीं होगी।
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कॉरिडोर को लेकर अभी दोनों देशों के बीच बातचीत होनी है, लेकिन उससे पहले पाकिस्तान ने अपना रुख ड्राफ्ट के जडरिए भारत को भेज दिया है। अगर भारत पाकिस्तान के इस ड्राफ्ट पर राजी हो जाता है तो दोनों पक्षों के हस्ताक्षर के बाद यह समझौता लागू हो जाएगा। अगर राजी नहीं होता है तो इसमें संशोधन किया जा सकता है।जानकारी के अनुसार करतारपुर कॉरिडोर राजनीतिक नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक पहल है। हमें तौर-तरीकों और सुरक्षा के मुद्दे पर काम करना होगा। इसका मतलब ये कतई नहीं होगा कि भारत अभ बात चीत करेगा।