खेल

जानें क्या है ओलम्पिक के 5 रिंग का इतिहास

Ring जानें क्या है ओलम्पिक के 5 रिंग का इतिहास

रियो डी जेनेरियो। वैश्विक तौर पर ओलम्पिक खेलों के प्रतीक के रूप में पांच रंगों (पीले, नीले, हरे, लाल, काले) में नजर आने वाली पांच रिंगों को बारोन पिएरे डे कोउबेर्टिन द्वारा लिखे पत्र में 1913 में पहली बार देखा गया था। बारोन पिएरे डे कोउबेर्टिन आधुनिक ओलम्पिक खेलों के संस्थापक हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने इस रिंगों को अपने हाथों से बनाया और रंगा था और 1914 में इन्हें ओलम्पिक कांग्रेस के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया।

Ring

अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के अनुसार, ये ओलम्पिक रिंग खेल की सार्वभौमिकता को दर्शाती हैं। इन प्रत्येक रिंग का एक रंग सभी देशों के राष्ट्रध्वज में दिखने वाले किसी रंग से मेल खाता है। ये पांच रिंग पांच पारंपरिक महाद्वीपों-अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, आस्ट्रेलिया, ओसियाना और यूरोप का प्रतिनिधित्व करती हैं।

आधुनिक ओलम्पिक खेलों की 20वीं वर्षगांठ पर 1914 कांग्रेस के दौरान इन पांच रिंगों को ओलम्पिक के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया गया और इसके बाद ये रिंग आधिकारिक ध्वज पर विराजमान हो गईं। इन्हें ओलम्पिक के प्रतीक के रूप में पहली बार 1920 में आयोजित ओलम्पिक खेलों में इस्तेमाल किया गया, जिनका आयोजन बेल्जियम में हुआ।

बेल्जियम ओलम्पिक खेलों के बाद से ही इस आधिकारिक ओलम्पिक ध्वज को खेलों के समापन समारोह में लहराते हुए दर्शाया जाता है।

Related posts

इंडिया और इंग्लैंड के बीच आज से खेला जाएगा तीसरा टेस्ट मैंच

mahesh yadav

ऑस्ट्रेलियाई ओपन का खिताब हुआ श्रीकांत के नाम

Rani Naqvi

राज्यवर्धन राठौड़ ने खिलाड़ियों के लिए की नई घोषणा कहा, नहीं किया जाएगा किसी को नजरअंदाज

mohini kushwaha