पटनाः मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले की जांच बिहार सरकार ने CBI को सौंप दी है। यह आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दिया गया। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के द्वारा लगातार राज्य सरकार पर इस मामले की सीबीआई जांच करवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।
राज्य सरकार ने लिया फैसला
वहीं इससे पहले यह मामला सदन में उठाए जाने पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर राज्य सरकार चाहेगी तो इस मामले की सीबीआई जांच आवश्य होगी। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त एक शेल्टर होम में बच्चियों के साथ लंबे समय तक रेप के मामले का खुलासा टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान हुआ था। इस खुलासे के बाद प्रशासन में हड़कम्प मच गया।
ये भी पढ़ें : पांच लाख से अधिक संविदा कर्मियों को पक्की नौकरी देगी नीतीश सरकार
पुलिस के पास कोई रिकार्ड नहीं
वहीं मामले के उजागर होने के बाद पुलिस जांच में पता चला कि 2013 से 2018 के इस अल्पावास गृह से छह लड़कियां गायब हुईं थी जिसका पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस मामले में संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित 10 दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि एक फरार है।
विपक्ष ने उठाया था नीतीश सरकार पर सवाल
मुजफ्फरपुर मामले में विपक्ष के द्वारा सरकार पर लीपापोती करने का आरोप लगाया गया है। इसके अतरिक्त इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में जोर-शोर से उठाया गया था। विपक्ष के द्वारा बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में भी इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला गया।