लखनऊ। सपा में संग्राम के बीच मुलायम सिंह यादव लखनऊ में सपा कार्यालय पहुंचे। कार्यालाय में मीडिया से बातचीत करने के बाद मुलायम सिंह यादव दिल्ली के लिये रवाना हो गये है। दिल्ली के लिये रवाना होने से पहले मुलायम ने सपा कार्यालय पर ताला लगाकर चाबी अपने पास रखी है।
नहीं कोई झगड़ा
सपा कार्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुये कहा कि सपा में किसी तरह का विवाद नहीं है। इसी दौरान सपा सुप्रीमो मुलायम ने कहा कि पार्टी में जिले टिकट दिया गया हैं वहीं चुनाव लड़ेगा। सूत्रो की माने तो नेताजी भी अभी अपने अध्यक्ष पद पर अड़े हुए हैं। वहीं जब नेताजी से सीएम अखिलेश से समझौते पर सवाल किया गया तो नेताजी बोले की विवाद नहीं तो समझौता कैसा।
मुलायम होंगे कठोर
समाजवादी पार्टी में चल रहे सियासी संग्राम पर इतने दिन बाद भी सुलह के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। शनिवार को रामगोपाल ने चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसके बाद मुलायम सिंह अखिलेश पर कठोर होने वाले हैं। रविवार को मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग जाकर हलफनामा दायर कर सकते हैं। अखिलेश को जवाब देने के लिये मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। दोनों नेता चुनाव आयोग जाकर साइकिल पर दावा करेंगे।
क्या करेगा चुनाव आयोग
जानकारों के मुताबिक सपा में चल रहे विवाद के समाधान के लिए चुनाव आयोग 1969 के केस का सहारा ले सकता है। ये मामला तब कहा है, जब कांग्रेस दो गुटों में बंट गयी। इस दौरान आयोग ने तीन बिन्दुओं के आधार पर जांच करके मामले का निपटारा किया था। इस केस को अब तक का सबसे प्रमाणित और आदर्श केस माना जाता है।इस केस में आयोग ने कांग्रेस के दोनों समूहों के दावे की जांच तीन टेस्ट के आधार पर की थी। खास बात है कि इस केस को एक साल और 20 दिन का समय लगा था। जिसके बाद सही और सटीक फैसला सुनाया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे स्वीकार किया था। इसके तहत आयोग ने पार्टी के संविधान को आधार बनाया था। चुनाव आयोग ने इसकी जांच की थी कि दोनों पक्षों में से किस पक्ष ने पार्टी के संविधान का पालन नहीं किया था।
सपा के मामले में मुलायम गुट जहां इसका पालन नहीं होने का दावा कर रहा है, वहीं अखिलेश गुट की दलील है कि पार्टी के संविधान का पूरी तरह से पालन किया गया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग यह भी देख सकता है कि किस समूह ने पार्टी के लक्ष्य और उद्देश्य का पालन नहीं किया है।