भारतीय सैन्य अकादमी के हर उस नौजवान का सपना होता है कि वो यहां से अपने भविष्य के निर्माण का कदम बढ़ाए और चैटवुड बिल्डिंग के द्वार पर बने अन्तिम पग से गुजरे। सेना में कमीशन अफसर बनने का ये सफर अकादमी के अन्दर प्रशिक्षकों द्वारा तय कराया जाता है।चैटवुड बिल्डिंग के बाहर भव्य परेड कर रहे जैन्टिल मैन कैडेटस कोर अफसर बनाने के लिए यहां पर तैनात प्रशिक्षक रात दिन मेहनत करते हैं।जैसे एक माली अपने पौधे को सम्भालता है। वैसे ही भारतीय सैन्य अकादमी की बगिया के इन पौधे रूपी कैडेटस के देखने संभालने और एक कुशल और काबिल अफसर बनने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर होती है।
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शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का यही बांकी निशा होगा। जी हां भारतीय सैन्य अकादमी में देश पर मर मिटने का जज्बा ही इस अकादमी की आन बान और शान रहा है। देश का इतिहास गवाह है जब जब देश पर संकट के बादल छाए तो इस अकादमी के वीरों ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया है। वीरों को इस अकादमी ने एक अहम हिस्सा माना है।इनकी वीरता की गाथाएं इस अकादमी की आवोहवा में इस कदर फैली हैं कि यहां आने वाला हर शख्स इस अकादमी के साथ दिल का रिश्ता जोड़ कर चला जाता है।
अकादमी में हर कदम कर वीरता की झलक देखने को मिलती है।अकादमी से लाखों अफसर भारतीय सेना में बड़े ओहदों पर देश के लिए सेवा दे चुके हैं और दे रहे हैं।तो कई अधिकारियों ने देश की रक्षा करते हुए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देकर अकादमी के गौरवशाली इतिहास को अमर कर दिया है।इन्ही वीरों के सम्मान में अकादमी के साउथ कैंपस में बना है वॉर मेमोरियल इस वॉर मेमोरियल में अकादमी के उन सभी वीरों के नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं जिन्होने अपनी परवाह ना करते हुए देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया।