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खादी ग्रामोद्योग कैलेंडर : मोदी इन , बापू आउट

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नई दिल्ली। वैसे तो आपने तस्वीरों में हमेशा चरखा चलाते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को देखा होगा लेकिन आज एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवादों के घेरे में आ गए है। दरअसल खादी ग्रामोद्योग की ओर से नए साल पर कैंलेंडर और डायरी लॉन्च की जाती है लेकिन इस बार इन दोनों के ऊपर से गांधी जी की जगह पीएम मोदी की तस्वीर छपी है जिससे सियासत गर्मा गई है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुई पीएम मोदी की चरखे वाली तस्वीर:-

इस तस्वीर के सामने आते ही न केवल खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारी और अधिकारी हैरान रह गए बल्कि तस्वीर सोशल मीडिया पर भी काफी ट्रेंड कर रही है जिसके चलते एक नया विवाद खड़ा हो गया है। जब इस पूरे मामले पर खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यह हैरान होने जैसी बात नहीं है और पहले भी ऐसा होता रहा है। गांधी जी के दर्शन, विचार और आदर्शों पर आधारित है ऐसे में उन्हें नजरअंदाज किए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। प्रधानमंत्री लंबे समय से खादी पहनते हैं और बड़ी संख्या में भारतीयों सहित विदेशियों को भी इसकी ओर आकर्षित किया है और वो खादी के ब्रैंड एम्बेंसडर भी है। नए प्रयोग हो रहे है और मार्केंटिंग को भी बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है।

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खादी और ग्रामोद्योग समिति कर्मचारी नाराज:-

अगर कैलेंडर और डायरी पर छपी फोटो की बात करें तो इसमें पीएम मोदी धोती की जगह ट्रेडमार्क कुर्ते -पजामे में नजर आ रहे हैं और जिस चरखे पर वो सूत काट रहे हैं वो थोड़ा आधुनिक है जिस पर खादी और ग्रामोद्योग समिति यानि कि केवीआईसी के कर्मचारियों ने कड़ी आपत्ति जताई है उनका कहना है कि ये राष्ट्रपिता का अपमान है।

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उन्होंने कहा कि साल 2016 में केवीआईसी के कर्मचारी संघ ने कैलेंडर मामले को प्रबंधन के सामने सख्ती से उठाया था और तब से उनसे वादा किया गया था कि ऐसा आने वाले समय में नहीं होगा। लेकिन इस साल तो एकदम अलग हुआ। तस्वीरें भी और शिक्षाएं भी जिन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान खादी को गरीब आवाम के लिए स्वदेशी और आत्मनिर्भर का प्रतीक बनाया था। इस बार कैलेंडर और डायरी से गांधी जी ही गायब कर दिए गए।

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इस पूरे मामले पर भारत खबर ने कांग्रेस के नेता अखिलेश प्रताप सिंह को फोन किया और उनसे राय जानने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ये निश्चित रुप से महात्मा गांधी का अपमान है। चरखा कातने के लिए या स्वराज के लिए महात्मा गांधी जाने जाते है और ये जो लोग बतो रहे है वो कुछ लोग उनके हत्यारे के रुप में जाने जाते है। महात्मा गांधी के चरखे को अपना दिखा करके खादी का प्रोत्साहन नहीं हो सकता है। खादी , चरखा , स्वराज ये सब महात्मा गांधी की निशानियां है उसको कोई परिवर्तित कर रहा है तो वो उनका अपमान है। इस समय मोदी जी की इच्छाओं का अनुपालन न करने का साहस किसी के पास नहीं है। अगर मोदी जी महात्मा गांधी को मानते है तो उन्हें खेद प्रकट कर इसे तुरंत हटवा देना चाहिए।

तो वहीं भारत खबर से फोन पर बात करते हुए भाजपा के नेता विनय कटिहार ने कहा , इससे पहले भी कई बार अन्य लोगों की फोटो छप चुकी है कभी महिलाओं की कभी पुरुषों की तो कुल मिलाकर 7 से 8 बार ऐसा हो चुका है तो इसमें महात्मा गांधी का अपमान कहां है? ये पूरी तरह से गलत बात है।

 

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