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स्वच्छता की नन्हीं प्रेरक दे रहीं बड़े-बड़ों को मात

Pari स्वच्छता की नन्हीं प्रेरक दे रहीं बड़े-बड़ों को मात

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की अंजु, अश्विनी, सोनम और इनके जैसी कई बालिकाएं साबुन से हाथ धोने के फायदे जानती हैं। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है कि ये तीनों महज तीन से चार वर्ष आयु वर्ग की हैं। प्राय: यह माना जाता है कि स्कूल कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों, बड़े बुजुर्गो को तो साफ-सफाई के महत्व का ज्ञान होता ही है, लेकिन छोटी सी उम्र में स्वच्छता का संदेश देने वाली यह बालिकाएं राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के रेंगाकठेरागांव की हैं और गांव में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में रोज उपस्थित रहती हैं।

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दरअसल ये बालिकाएं रेंगाकठेरा आंगनबाड़ी केंद्र में तीन से छह वर्ष के आयु वर्ग में अपने अन्य साथियों के साथ रोजाना पढ़ने, सदाचार और व्यावहारिक बात सीखने आती हैं। साफ-सफाई के प्रति रेंगाकठेरा की इन बालिकाओं का ज्ञान इन्हें बरबस ही ‘स्वच्छता की नन्हीं प्रेरक’ के रूप में निरूपित करता है।

लगभग साढ़े तीन साल की अंजू से जब खाना खाने से पहले हाथ धोने के बारे में पूछा गया तो बड़ी बेबाकी से उसने बताया, “हम लोग डिटॉल साबुन से हाथ धोकर खाना खाते हैं, इसलिए बीमार नहीं पड़ते।” उसने बताया कि घर में भी वह हमेशा साबुन से हाथ धोकर ही खाना खाती है।

अंजू रोज नहाती है और हमेशा साफ कपड़े पहनती है। इसी प्रकार लगभग तीन साल की सोनम ने बड़े मजे से साबुन से हाथ धोने के तरीके को बताया। सोनम ने यह भी बताया कि पीने के पानी को बड़े मग्गे (मग) से निकालकर पीना चाहिए।

आंगनबाड़ी केंद्र में पदस्थ कार्यकर्ता ने बताया कि सभी बच्चों को विश्व हाथ धुलाई दिवस पर साबुन से हाथ धोने की सीख दी गई है और हाथ धोने के सही तरीके भी सीखाए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को भोजन से पहले साबुन से हाथ धुलाकर ही भोजन कराया जाता है।

एक ओर राज्य और केंद्र सरकार जहां स्वच्छता मिशन के माध्यम से साफ-सफाई के महत्व और बीमारियों से बचाव के बारे में विशेष अभियान चलाकर पूरे देश में पुरुषों-महिलाओं, बड़े-बुजुर्गो, शिक्षितों-अशिक्षितों सहित सभी को स्वच्छता के माध्यम से स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जागरूक करने प्रयासरत है, वहीं राजनांदगांव जिले के छोटे से गांव रेंगाकठेरा की इन छोटी-छोटी बालिकाओं का यह ज्ञान अपने अन्य हम उम्र साथियों के साथ-साथ दूसरे ग्रामवासियों और बड़े-बुजुर्गों तक के लिए एक प्रेरणा बन रहा है।

केवल कचरे को यहां-वहां न फेंककर निर्धारित स्थान पर ही डालना, खाने के पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोने की छोटी-छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण आदत इंसान को कई गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचा सकती है।

भोजन से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोने से डायरिया सहित पेट की कई बीमारियों और गले में होने वाले विभिन्न प्रकार के संक्रमण से भी बचा जा सकता है।

(आईएएनएस)

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