नई दिल्ली। आज देशभर में करवाचौथ का त्योहार मनाया गया है। इस पर्व पर शिव का पूरा परिवार जैसे कि पार्वती जी, शंकर जी, कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा होती है। वहीं देश में कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन में भी इसकी अलौकिक छवि देखने को मिली। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के श्रंगार की तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार से वहां इस पर्व को उत्सव का रूप दिया गया है। चारों ओर दीपों का प्रकाश आज के दिन वहां जगमागाता दिखाई दिया।
इस मौके पर भारत खबर ने बात की मंदिर के पुजारी श्री बृजेश गोस्वामी जी से…उन्होंने बताया कि करवा चौथ के दिन बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण को सखी के तौर पर खास सजाया जाता है।
उन्होंने कहा कि यूं तो भगवान लहंगे के साथ दिखाई देते हैं लेकिन आज के दिन उनके सखी रूप के दर्शन होते हैं। वहीं गोस्वामी जी ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की शुरूवात होने के कारण आज से मथुरा में दीपदान उत्सव भी शुरू हो चुका है।
इस साल कुछ खास है करवा चौथ:-
इसके साथ ही ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार का करवाचौथ काफी शुभ है क्योंकि इस बार करवाचौथ का महासंयोग करीबन 100 साल बाद पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार करवाचौथ रोहिणी नक्षत्र, बुधवार, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं गणेश चतुर्थी का संयोग है, जो कि ज्योतिष दृष्टि से बहुत ही अच्छा है। इसके साथ ही उनका मानना है कि इस बार का करवाचौथ व्रत रखने से 100 व्रतों का फल मिलेगा। इससे न केवल पति की उम्र लंबी होगी बल्कि संतान सुख भी प्राप्त होगा।
बता दें कि करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल उपवास रखती है और शाम को चंद्रमा को साक्षी मानकर अपना व्रत खोलती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गौरी पूजन भी काफी फलदायी होता है।