जोधपुर। जेएनवीयू शिक्षक भर्ती घोटाले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पांचों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमानत के लिए केवल ट्रायल कोर्ट में अर्जी लगाने के निर्देश दिए हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पांचों आरोपी पूर्व विधायक जुगल काबरा, श्यामसुंदर शर्मा, केशवन, दरियावसिंह व डूंगरसिंह खींची को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ एसीबी को चार्जशीट दाखिल करने की भी अनुमति दे दी है।
आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट से चार्जशीट पर रोक लगाने की प्रार्थना की, जो नामंजूर कर दी गई। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एसीबी ने इस घोटाले में पांच आरोपियों को 13 जनवरी को और एक को बाद में गिरफ्तार किया था। ट्रायल कोर्ट ने उनको चार दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि घोटाले का अनुसंधान होना चाहिए। हालांकि पुलिस रिमाण्ड पूरी होने से पहले आरोपी जमानत के लिए याचिका दाखिल नहीं करवा पाएंगे। इसके अलावा 18 जनवरी को रिमाण्ड अवधि पूरी होने के बाद सभी आरोपियों को मजिस्ट्रेट के समक्ष फिर से पेश किया जाएगा।
बता दें कि इस मामले में गिरफ्तार जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति भंवर सिंह राजपुरोहित को सोमवार को राहत मिली है। पूर्व कुलपति को सुप्रीम कोर्ट की ओर से रिहा करने के आदेश जारी किए गए थे। अब तक रिमांड पर चल रहे पूर्व कुलपति राजपुरोहित के बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि घोटाले से संबंधित कई नए खासे खुलासे होंगे। जानकारों ने बताया कि यह जमानत नहीं है, क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना में पकड़ा था, इसलिए सरकार को फटकार लगाते हुए तत्काल रिहा करने को कहा है।