श्री नगर। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करके पैलेट गन के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त करते हुए जल्द ही इसका विकल्प तलाशने की बात कही। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय के एक पैनल ने कश्मीर में पैलेट गन के विकल्प के तौर पर कम घातक माने जाने वाले मिर्च पाउडर के गोले इस्तेमाल करने की सलाह दी है जिससे कि ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता।
ये समिति पैलेट गन से हजारों कश्मीरियों के घायल होने के बाद इसका विकल्प तलाशने के लिए गठित की गई थी। घाटी में बीते 49 दिनों से जारी अशांति और हिंसा के दौर में पत्थरबाजी और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबल पैलेट गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये छोटे-छोटे धातु के छर्रे होते हैं, जो शरीर में जाकर चुभ जाते हैं। इस ओर विवाद तब बढ़ गया जब पैलेट गन से घायल कई लोगों के आंखों की रोशनी तक खोने की बात सामने आई।
बता दें कि मिर्ची के गोले को पावा शेल भी कहते हैं। इससे व्यक्ति को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है बल्कि उसका शरीर कुछ देर के लिए स्थिर हो जाता है और कुछ करने की स्थिति में नहीं रहता। पावा यानि पोलिगॉर्निक एसिड वनीलल अमाइड को नॉनिवमाइड के नाम से भी जाना जाता है। ये प्राकृतिक काली मिर्च में पाया जाने वाला कार्बनिक यौगिक है। इसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति को कुछ समय के लिए इरिटेट कर सकता है और वो थोड़ी देर कुछ न कर पाने की स्थिति में रहता है जिससे कि ये गोले ज्यादा नुकसान नहीं पहुंता पाते।