भुवनेश्वर| ओडिशा सरकार ने भुनवेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर पूछा है कि उसका लाइसेंस क्यों न रद्द कर दिया जाए? एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि खोरधा जिला प्रशासन ने अस्पताल में आग से सुरक्षा के उपायों की कमी को लेकर उसे नोटिस जारी किया है। अस्पताल में सोमवार शाम लगी आग में 21 लोगों की मौत हो गई थी। भुवनेश्वर शहर खोरधा जिले के अंतर्गत आता है। पिछले साल फरवरी में राज्य सरकार ने जिला प्रशासन से कहा था कि ऐसे किसी भी अस्पताल का न तो पंजीकरण किया जाए और न ही उसके लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाए, जो अग्निशमन विभाग का सुरक्षा क्लीयरेंस प्रमाण-पत्र न प्रस्तुत करे।
जिला प्रशासन ने हालांकि अस्पताल के लाइसेंस का इस साल जुलाई में नवीनीकरण किया था, जबकि उसके पास अग्निशमन विभाग से सुरक्षा को लेकर मिला प्रमाण-पत्र नहीं था।खोरधा जिले के जिलाधिकारी द्वारा सात जुलाई को लिखे एक पत्र के मुताबिक, “ताजा पंजीकरण का प्रमाण-पत्र छह अप्रैल, 2016 से पांच अप्रैल, 2018 तक मान्य होगा।इस बीच, काले धन की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शिक्षा ओ अनुसंधान (एसओए) चैरिटेबल ट्रस्ट के वित्तीय लेनदेन की जांच करने के लिए कहा है। इस ट्रस्ट का प्रबंधन एसयूएम अस्पताल के मालिक मनोज नायक द्वारा किया जाता है।ट्रस्ट एसयूएम हॉस्पिटल सहित कई संस्थानों का संचालन करता है।
घटना के 56 घंटे बाद समर्पण करने पहुंचे नायक को आयुक्तालय पुलिस ने गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी के उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने ओडिशा पुलिस को जांच के दौरान ईडी का सहयोग करने के लिए कहा है।पुलिस महानिदेशक के.बी.सिंह ने कहा, “पिछली रात हमें एसआईटी का पत्र मिला। हमें शिक्षा ओ अनुसंधान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पैसों के लेनदेन को लेकर ईडी द्वारा की जा रही जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया है।”
सिंह ने कहा कि एसआईटी ने पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ट्रस्ट तथा अस्पताल के वित्तीय लेनदेन से संबंधित किसी भी दस्तावेज या सबूत को न तो नुकसान पहुंचाया जाए और न ही नष्ट किया जाए।