नई दिल्ली। ”क्यूं पैसा पैसा करती है तू”…ये गाना तो आपने कई बार सुना होगा और इसे गुनगुनाया भी होगा। लेकिन आजकल के माहौल में ये गाना एकदम फिट बैठता है। चाहे बूढ़ा हो या जवान इस समय देश में शायद सभी को पैसा चाहिए। दरअसल कालेधन पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की देर शाम 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन करने का एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया जिससे सियासी गलियारों में खलबली का माहौल पैदा हो गया। एटीएम के बाहर कैश निकालने वालों की लंबी कतारी दिखी तो राजनेताओं ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। तो वहीं दिन निकलते ही ये फैसला इतना गर्मा गया कि चारों तरफ से राजनीतिक पार्टियों ने सरकार पर तीखी आलोचना करना शुरु कर दी। कहीं एटीएम में कैश नहीं तो कहीं लोग कई घंटो की मशक्कत के बाद पैसा निकालते हुए दिखे।
आज केंद्र सरकार के इस फैसले को 12 दिन बीत चुके है। इन 12 दिनों में सरकार के इस फैसले के चलते कई बड़े-बड़े बदलाव देखे गए। तो वहीं भारत खबर ने इस पूरे मामले को लेकर जमीनी रिपोर्ट जानने की कोशिश की कि आखिर सरकार के इस फैसले से घर के खर्चों पर कितना फर्क पड़ा?
सरकार के इस फैसले पर बात करते हुए अंजना दीक्षित ने कहा कि इससे घर के बजट पर कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है। जैसे पहले हम लोग राशन की लाइन में खड़े थे वैसे ही थोड़ी देर पैसा लेने के लिए बैंकों की लाइन में खड़े हैं। फैसला चाहे किसी भी सरकार ने लिया हो ये फैसला जनता के हित में है और आगे आने वाले समय में इससे फायदा ही होगा। हां ये जरुर है कि थोड़ी बहुत दिक्कत हो रही है लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है।
इसके बाद भारत खबर ने सरकार के इस फैसले पर राय जानने के लिए दिल्ली में रहने वाली हाउसवाइफ मीनाक्षी शर्मा से फोन पर बात की। मीनाक्षी ने कहा कि इससे घर पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। मुझे बस डेढ़ घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ा। मंदिरों में जाकर भी हम कई घंटे बिना किसी फायदे के खड़े रहते है तो क्या एक अच्छे काम के लिए हम कुछ देर अपना पैसा निकालने के लिए खड़े नहीं हो सकते। मोदी जी ने ये बहुत अच्छा काम किया है इससे देश में जमा काला धन वापस जरुर आएगा। वैसे भी अगर रोजमर्रा की बात करें तो आपको खर्चे के लिए 400 से 500 रुपए की आवश्यकता होती है जितना दिखाया जा रहा है लोगों को उतनी दिक्कत नहीं हो रही है।
वहीं इस मुद्दे पर बात करते हुए सीनियर सिटीजन और सरकारी नौकरी से रिटायर हुई लखनऊ की रहने वाली प्रतिभा सक्सेना से भारत खबर ने फोन पर बात की और उनसे राय जानने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला आने वाले समय के लिए काफी फायदेमंद है। इससे भविष्य में जनता को ही लाभ मिलेगा। हां इससे थोड़ी बहुत दिक्कत कुछ समय के लिए होगी लेकिन धीरे-धीरे करके सब कुछ ठीक होगा।
इस मुद्दे पर भारत खबर से फोन पर बात करते पुणे की रहने वाली वर्किंग गर्ल नेहा गुप्ता ने बताया कि सरकार के इस फैसले से मेट्रो सिटीज में रहने वाले लोगों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। हां ये जरुर है कि इससे छोटी जगहों पर रहने वालों लोगों के घरों पर कुछ फर्क पड़ा होगा। इस फैसले के बाद से घर के खर्चों पर थोड़ी कमी आई है लेकिन ये फैसला आने वाले समय के लिए काफी अच्छा है।
इसके साथ देहरादून की रहने वाली टीचर अपराजिता भारद्वाज ने कहा कि मेट्रो सिटीज में रहने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही लेकिन रिमोट एरिए में रहने वाले लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए इस तरह का फैसला लेने से पहले मोदी सरकार को सोचना चाहिए था।
(शिप्रा सक्सेना)