नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय को आश्वस्त किया कि राज्य के सुकमा जिले में एक जनजातीय व्यक्ति की कथित हत्या के आरोप में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। यह आश्वासन न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर तथा न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ द्वारा इसका संकेत दिए जाने के बाद आया कि वे सुंदर तथा अन्य समाजिक कार्यकर्ताओंके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगा सकते हैं, जिनका नाम चार नवंबर को शामनाथ बघेल की नक्सलियों द्वारा हत्या के मामले में आया है।
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख 15 नवंबर को अदालत में पेश करेगा। उन्होंने अदालत को भरोसा दिलाया कि नंदिनी के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हत्या के मामले में नंदिनी के खिलाफ प्राथमिकी के संदर्भ में पीठ ने कहा, “आप हालात गंभीर बना रहे हैं। आपको इस पर व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने और व्यावहारिक समाधान तलाशने की जरूरत है।”