कासगंज। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही अवैध पशु कटान पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हो, लेकिन कासगंज में यह आदेश कोई मायने नही है। धडल्ले से अवैध बूचडखाने संचालित हैं, जिनमें प्रतिदिन सैकडो पशुओ को काटा ही नहीं जाता, बल्कि खुली दुकानें लगाकर बेचा जाता है। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
कासगंज जिला मुख्यालय का जहां वेखौफ होकर अवैध बूचडखानो को अंजाम दिया जा रहा है, जब कि कासगंज जिले में एक भी बूचडाखाना पंजीकृत नही है, इसके बावजूद भी अमर बेल की तरह शहर में मीट की दर्जनो दुकने संचालित है, अब देख सकते हैं टेलीवीजन की तस्वीर मे सजी मीट की विसारतें और कैमरो की कैद में युवक पशु का सिर हाथ में लेकर घूमता प्रशासन के लिए बडी चुनौती दे रहा है… अब देखना होगा कि शहर में बेखौफ चल रही मीट की दुकान योगी शासन में बंद हो पाएगी या नही.. इसका जबाव भी जिला प्रशासन के पास है। इस बूचडखानों के मामले में मुस्लिम समाज सेवी अहमद मदनी ने बताया कि जिले भर में एक भी बूचडखाना नहीं इसके बावजूद पशुओ को काटकर खुले में रखकर बेचा जाता है।
– विवेक रॉय