नई दिल्ली। लंबे समय से आइडिया और वोडाफोन को एक करने की बात पर आज मुहर लग गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आइडिया कंपनी के बोर्ड मेंबर्स ने वोडाफोन के साथ कंपनी के विलय को मंजूरी दे दी है। दोनों कंपनियों का विलय होने के बाद अब एयरटेल देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हो जाएगी।
क्या है डील
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों कंपनियों को मर्ज करने की बात लगभग 6 महीनों से चल रही है लेकिन आइडिया की तरफ से मंजूरी ना मिलने के कारण ये डील अटकी हुई थी जो आज पूरी हो गई है। वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी आडिया में मर्जर की हिस्सेदारी भी तय हो गई है। बताया जा रहा है कि वोडाफोन कंबाइन्ड इनटाइटी का 45% अपने पास रखेगी वहीं, आइडिया के पास इसकी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगा।
इस नए परिवर्तन के बाद अब आदित्य बिड़ला समूह 4जी, 4 जी प्लस और 5 जी तकनीकी की विस्तार योजनाओं को पूरे देश में लागू कर पाएगा। डिजिटल कंटेट और आईओटी सेवाओं का भी विस्तार किया जा सकेगा।
BSNL और MTNL भी मिल सकते हैं हाथ
वोडाफोन और आइडिया के हाथ मिलाने के बाद इस बात के भी आसार तेज हो गए हैं कि BSNL और MTNL भी जल्द हाथ मिल सकते हैं। कय़ास लगाए जा रहे हैं कि ये दोनों कंपनियां मिलकर अपनी सर्विस को बेहतर करना चाहती है।
जियो का पड़ा असर
गौरतलब है कि बाजार में जियो टेलीकॉम सर्विस आने के बाद पूरे सेक्टर में ही हाहाकार मचा हुआ है। सभी कंपनियां अपने उपभक्ताओं को बनाए रखने के लिए रोजाना नए-नए ऑफर का ऐलान कर रही है। जानकारों का मानना है कि जियो से मुकाबला करने के लिए ही आइडिया और वोडाफोन ने हाथ मिलाया है।
दोनों कंपनियों के मर्जर से जुड़े लोगों का मानना है कि देश में तीन लाख से ज्यादा लोग टेलिकॉम इंडस्ट्री में नौकरी करते हैं। लेकिन अगले 18 महीने की मर्जर प्रक्रिया के दौरान टेलिकॉम इंडस्ट्री से 10,000 से 25,000 लोगों की नौकरी पर तलवार लटक रही है।