नई दिल्ली:हरियाणा सरकार के 700 प्राइवेट बस लाने के फैसले के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही। इस दौरान अधिकतर बसों के न चलने के कारण मुसाफिरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रोडवेज कर्मचारी संघ ने बुधवार को अपनी हड़ताल दो दिन और बढ़ाने का ऐलान किया था। वहीं प्रदेश सरकार ने कई कर्मचारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। कर्मचारी संघ के नेताओं ने दावा किया कि 4,100 बसों के बेड़े में से 3,800 बसें सड़कों से नदारद रहीं।
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प्रशासन ने कुछ स्थानों पर बसें चलाईं और पुलिस समेत अन्य सरकारी विभागों से चालक और परिचालकों की सेवाएं ली गईं। प्रदेश के कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मी वर्दी में ही रोडवेज की बसें चलाते हुए देखे गए।
सरकार पर हमला बोलते हुए हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा, ‘‘सरकार एस्मा लगाने से नहीं रुकी और रोडवेज के कई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। अब तक सरकार ने हमें बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया है जो दिखाता है कि वे सत्ता के नशे में हैं।’’ रोडवेज कर्मचारी संघ के एक अन्य नेता ने संकेत दिया कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे हड़ताल को और आगे बढ़ा सकते हैं।
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