नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विरोध करना और कार्यक्रम स्थल के बाहर हंगामा करना गेस्ट टीचरों को महंगा पड़ सकता है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में करीब 17 हजार गेस्ट टीचरों का अनुबंध नवीनीकरण करने के लिए शिक्षा विभाग ने नए नियम निर्धारित कर, नई प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दोबारा भर्ती में पुराने गेस्ट टीचरों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।
दरअसल पिछले दिनों सरकार द्वारा गेस्ट टीचरों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने सरकार के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन कर दिया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित पूरा मंत्रिमंडल शामिल था। जिसके बाद से केजरीवाल सरकार इन गेस्ट टीचरों से नाराज चल रही है। यहां तक कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने टीचरों के प्रदर्शन पर खासी नाराजगी जताते हुए उन्हें चेतावनी भी दे डाली थी।
मनीष सिसोदिया ने तब कहा था कि ‘हर साल गेस्ट टीचरों के होने वाले कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू सिस्टम को बदला जाएगा और इसमें इस बार पुराने गेस्ट टीचरों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।‘ दूसरी ओर सरकार के इस आदेश के बाद गेस्ट टीचर खासे नाराज हो गए थे और उन्होंने सरकार के खिलाफ लंबा आंदोलन चलाने की चेतावनी जारी कर दी थी।
फिलहाल इस मसले पर दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा का कहना है ‘आप सरकार ने हमेशा गेस्ट टीचरों से हमदर्दी रखी और इनका वेतन आदि बढ़ाने के लिए खासी गंभीरता दिखाई| इसके बावजूद सरकारी कार्यक्रम में उनका प्रदर्शन खासा हैरानी और दुख पैदा करने वाला है। गेस्ट टीचरों के इस रुख को देखते हुए सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव कर दिया है।
दिल्ली सरकार की ओर से अब शिक्षा विभाग से कहा गया है कि वह गेस्ट टीचरों की भर्ती के लिए नए नियम निर्धारित करे। विभाग ने नए नियम बनाने शुरू कर दिए हैं। सरकार ने यह भी तय कर दिया है कि जैसे हर बार पुराने गेस्ट टीचरों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाती है, अब वह नहीं दी जाएगी। विभाग जो भी नियम बनाएगा, सरकार उसी आधार पर गेस्ट टीचरों की भर्ती करेगी।