देहरादून। विधानसभा चुनावों से पहले उत्तराखण्ड में कांग्रेस को करारा झटका देते हुए रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने आज दिल्ली में अपने बेटे के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस में यशपाल अपने साथ-साथ अपने बेटे के लिए भी टिकट मांग रहे थे जो कि पार्टी आलाकमान को मंजूर नहीं था।
इसके अलावा यशपाल आर्य उधमसिंह नगर की सभी 9 सीटों पर टिकट बांटने की जिम्मेदारी चाह रहे थे, जो उन्हें नहीं मिल रही थी जिससे आर्य नाराज थे। सोमवार को आर्य ने दिल्ली में बीजेपी की आधिकारिक तौर पर सदस्यता ग्रहण कर ली है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कैबिनेट मंत्री का कार्यभार संभालते हुए आर्य बीजेपी नेताओं से संपर्क बनाए हुए थे, अब जब समय आ गया है कि बीजेपी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी तब उन्होंने पार्टी को ज्वाइन कर लिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंख से छलके आंसू
आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आर्य भावुक होकर बोले कहा, ‘मैं कांग्रेस से इस्तीफा दिया और भाजपा का सामान्य कार्यकर्त्ता रहूंगा, जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरा करूंगा।’ सोनिया गांधी के बारे में बोलते हुए कहा, सोनिया गांधी का मै सम्मान करता हूं, पर अब वह कांग्रेस रह नहीं गई। आर्य ने कहा कि मैं 40 वर्षों से ज्यादा समय से कांग्रेस को दिया। मै अब भाजपा के साथ यूके के प्रगति के लिए काम करूंगा।’ नेहरू गांधी का कांग्रेस अब नहीं रहा, उद्देश्यों से भटक गई है पार्टी।
यशपााल आर्य के साथ केदार सिंह रावत ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
हरीश रावत से नाराज कई नेता होंगे बागी
मुख्यमंत्री हरीश रावत से नाराज और सतपाल महाराज के करीबी कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी, विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसुइया प्रसाद मैखुरी और संसदीय सचिव गणेश गोदियाल के भी भाजपा में शामिल होने की संभावना है। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे यशपाल आर्य अपने साथ अपने सहयोगियों को भी भाजपा की ओर खींच रहे हैं। ऐसे में आर्य के बेटे और युवा कांग्रेस नेता संजीव आर्य भी भाजपा ज्वाइन करेंगे।