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जनजाति आयोग के खाली पद तीन माह में भरेंःसुप्रीम कोर्ट

Molestation case the Supreme Court upheld the conviction of former Haryana DGP जनजाति आयोग के खाली पद तीन माह में भरेंःसुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में खाली पड़े पदों पर तीन महीने में नियुक्ति की जाए। आयोग में चेयरमैन समेत कुछ पदों पर बहाली नहीं हुई है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया।

Molestation case the Supreme Court upheld the conviction of former Haryana DGP जनजाति आयोग के खाली पद तीन माह में भरेंःसुप्रीम कोर्ट

वकील राधाकांत त्रिपाठी ने एक जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि नियुक्तियां नहीं होने से आयोग अपना कामकाज नहीं कर पा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस पटवालिया ने कहा कि राष्ट्रपति ने पिछले साल 30 दिसम्बर को तीन पदों पर नियुक्ति की और बाकी नियुक्तियां भी अगले तीन माह में हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि अनुसुईया उईके, हरिकृष्ण दामोदर और हर्षद भाई चुनियाल को राष्ट्रीय जनजाति आयोग का सदस्य बनाया गया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि आयोग में नियुक्तियां न होने की वजह से जनजातियों को संविधान में प्रदत अधिकारों का हनन हो रहा है। इसकी वजह से जनजातियों के उत्थान की योजनाओं पर ठीक से अमल नहीं हो पा रहा है।

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