लखनऊ। समाजवादी परिवार में चल रही सियासी जंग अब सड़कों पर दिखने लगी है। सूबे में चुनाव का मौसम आ गया है। पार्टी अपने परिवारिक झगड़े से अभी तक नहीं निकल पाई है। सुबह से शाम तक लगातार सुहल को लेकर सुगबुगाहट का दौर चलता रहा है। आज सुबह शिवपाल के समर्थक कार्यकर्ताओं का एक हुजूम पार्टी के प्रदेश कार्यालय जा पहुंचा वह पार्टी के दफ्तर में घुसने के प्रयास में लगा हुआ था। लेकिन वहां पर तैनात सुरक्षा बलों ने वहां से उन्हे हटा दिया।
पार्टी के भीतर पिता-पुत्र के बीच चल रहे संग्राम में पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए एक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पार्टी में दोनों तरफ से कार्रवाई का दौर चलता रहता है। कभी अखिलेश के खेमे से तो कभी मुलायम के खेमे से इसलिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब पिता पुत्र के संग्राम से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। वहीं अब सूबे की सियासी गरमी दिल्ली के चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा पहुंची है। किसी पार्टी है ये साबित करने की दोनों खेमों में ओड़ सी लगी हुई है।
समाजवादी परिवार की इस सियासी संग्राम ने प्रदेश में चुनाव के समय इस कदर हंगामा काट रखा है कि पार्टी के कार्यकर्ता और प्रत्याशी अपने चुनावी इलाकों के बजाय प्रदेश कार्यालय से लेकर अपने-अपने खेमे को साधने के लिए राजधानी में डेरा डाले हुए हैं। इससे एक तरह समाजवादी पार्टी का चुनाव प्रभावित होता नजर आ रहा है। दूसरे तरफ इसने इस सियासी ड्रामे से वोटरों के बंटवारे का भी नया संकट जल्द सामने आ सकता है। अगर समय के साथ अब इस ड्रामे का पटाक्षेप ना हुआ तो यह ड्रामा सूबे में समाजवादी सरकार के ताबूत की कील साबित हो सकता है।
अजस्र पीयूष