नई दिल्ली। आखिरकार 18 साल का लंबा इंतजार आज खत्म हो गया जब कोर्ट ने सलमान से कहा तुम आजाद हो। ये शब्द सुनने के लिए सलमान को 18 साल बीत गए और जब उन्होंने ये सुना तो वो अपने इमोशंस पर काबू नहीं रख पाए और उनकी खुशी आंखों में इस कदर छलकी कि उन्होंने अपने पास खड़ी बहन अलवीरा को गले लगा लिया। रील लाइफ में वैसे तो सलमान को आपने कई बार इमोशनल होते हुए देखा होगा लेकिन उनकी रील लाइफ कब रियल लाइफ बन जाएगी शायद इसका अंदाजा किसी को नहीं था। सफेद शर्ट और ब्लू जींस में सलमान जोधपुर कोर्ट पहुंचे और उनके पहुंचते ही उन्हें बरी कर दिया गया।
सलमान के बरी की खबर न केवल सलमान और उनके परिवार के लिए बल्कि उनके फैंस के लिए भी किसी त्योहार से कम नहीं थी। छावनी में तब्दील जोधपुर कोर्ट से सलमान जैसे ही बाहर निकले उनके फैंस अपने प्रेम की एक झलक पाने के लिए उतावले हो गए। हालांकि सलमान ने अपने फैंस को शुक्रिया अदा करना नहीं भूले और सोशल मीडिया पर उन्हें अपने ही अंदाज में कहा, आपकी दुआ और शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया।
जोधपुर कोर्ट में सरकारी और सलमान के वकील ने क्या कहा और किन ग्राउंड पर सलमान को रिहा किया गया इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए भारत खबर ने सलमान खान के वकील हस्तीमल सारस्वत, सरकारी वकील और वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम से बात की और पूरे मामले के बारे में जानकारी हासिल की।
सलमान खान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने भारत खबर से फोन पर बात करते हुए कहा, कोर्ट ने 102 पेज के फैसले में ऑपरेटिव फैसला सुनाते हुए अदालत में ये बताया कि अभियोजन पक्ष सलमान के खिलाफ 3/25 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध साबित करने में पूरी तरह से असफल रहा है। अभियोजन पक्ष ने ऐसी कोई साक्ष्य पेश नहीं किए जिससे ये साबित हो कि 1 और 2 अक्टूबर 1998 की मिडनाइट को ये हथियार जोधपुर में थे और इन हथियारों से शिकार किया गया।
जब भारत खबर ने उनसे पूछा कि ऐसी खबरे आ रही है कि फैसला सुनने के बाद सलमान खान और उनकी बहन अलवीरा काफी इमोशनल हो गए थे। इस पर सारस्वत जी ने कहा कि किसी आदमी के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज हो जाए और वो 18 साल से भुगत रहा होता ऐसे में फैसला उनके पक्ष में आना काफी खुशी होती है। मेरी बेटी एलएलबी फस्ट ईयर में पढ़ रही है वो आज पहली बार कोर्ट आई और उससे मिलने के बाद सलमान और अलवीरा ने कहा यू आर ए लकी चाइल्ड।
विश्नोई समाज के वकील महिपाल विश्नोई ने भारत खबर से फोन पर बात करते हुए कहा, कोर्ट में सलमान खान से उनका नाम पता पूछा गया। सरकारी वकील उन्होंने आरोप 3/25, 3/27 के चलते चार्जशीट डाली थी और अपराधी के खिलाफ आरोप साबित करने का वाउचर दिया गया। लेकिन वो अपराधी साबित नहीं कर पाए जिसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। उसके बाद सलमान की तरफ से अलवीरा और उनके रिश्तेदार के साइन लिए गए। न्यायालय के द्वारा निर्णय की कॉपी नहीं मिली है जैसे ही वो मिल जाती है फिर उसमें देखा जाएगा कि कौन सी दलीलों जजों ने नहीं मानी और किन में उनको फायदा दिया गया। उसके बाद वो आगे अपील दायर करेंगे।
फैसले के खिलाफ सेंशन कोर्ट में अपील होती है निश्चित रुप से राज्य सरकार के जो अधिकारी है उनके द्वारा अपन हिदायत भेजी जा रही है कि वो इसके खिलाफ अपील करेंगे तो ये उनका अधिकार है और विश्नोई समाज उनका सहयोग करेगा।
वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने भारत खबर से बात करते हुए कहा, सलमान खान के पास आर्म लाइसेंस था लेकिन जब ये सब हुआ उस समय सलमान का लाइसेंस एक्सपायर हो गया था यानि कि उसे रिन्यू नहीं कराया गया था। और इसी वजह से उन्होंने अपना बचाव किया क्योंकि चिंकारा को मारने वाले मुख्य केस में उन्हें बरी कर दिया गया था तो फिर उन्हें बेनिफिट ऑफ डाउट के चलते बरी कर दिया गया।
जब भारत खबर ने उनसे पूछा कि विश्नोई समाज इस केस को लेकर हाईकोर्ट जाएगा इस पर उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है जज मेंट देखने के बाद ही इस पर कुछ कहना संभव होगा।
वहीं इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता शालिनी माथुर ने भी भारत खबर से फोन पर बात की और पूरे मामले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, भारत में न्याय व्यवस्था सिर्फ अमीरों के लिए है। जो भी अमीर होता है उसे कभी भी दण्ड मिलता नहीं है। क्योंकि उनके पास इतना पैसा है कि वो अच्छे से अच्छे वकील कर सकते है। इसलिए न्याय मिल नहीं पाता। चाहे ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक क्यों न चला जाए इस केस में सजा हो नहीं पाएगी।
(शिप्रा सक्सेना)