नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों और कर्मचारी भविष्यनिधि के लाभार्थियों की शिकायतों की बड़ी संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए बुधवार को कहा कि सरकार को उनकी जरूरतों के प्रति हर हाल में संवेदनशील होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने यह बात प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) के 16वें चर्चा सत्र के दौरान कही, जिसकी उन्होंने अध्यक्षता की। इस मंच का उद्देश्य आम आदमी की शिकायतें दूर करने और साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और परियोजनाओं की निगरानी और समीक्षा करना है।
मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में श्रमिकों को अपना हक हासिल करने के लिए संघर्ष न करना पड़े। उन्होंने एक प्रणाली विकसित करने का भी आह्वान किया, ताकि सभी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त लाभों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया उनकी सेवानिवृत्ति से एक साल पूर्व शुरू हो सके।
मोदी ने कहा कि असमय मौत के मामले में कागजात निश्चित समय सीमा में तैयार हो जाने चाहिए, और अधिकारियों को इस उद्देश्य के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।