वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र पर सूबे के सीएम अखिलेश यादव कुछ खासा ही महेरबान हैं। सीएम अखिलेश यादव ने अब गोमती की तर्ज पर वरूणा को सजाने की कवायद शुरू कर दी है। आखिर देश के पीएम के संसदीय क्षेत्र की नदियों पर सीएम अखिलेश क्यूं इतना फिदा है। जबकि संसद से सड़क तक नोटबंदी व अन्य मुद्दों पर सूबे की समाजवादी पार्टी और भाजपा आये दिन आसने सामने हो रहे हैं। कहीं अखिलेश का अब मोदी प्रेम तो नहीं उभ रहा।
अखिलेश कर रहे हैं मोदी के संसदीय क्षेत्र में काम
वैसे पार्टी में अखिलेश के रूख को लेकर आपसी मनमुटाव का दौर खत्म हो चुका है और घर वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। लेकिन रह रह कर अखिलेश के कदम से सपा में आये दिन खलबली मच जाती है। लेकिन सीएम अखिलेश का ये कदम एक तीर से दो निशाने साधने वाला है। पहला जनता के बीच विकास की छवि दूसरा प्रदेश के विकास के मद में केन्द्र से पैसा लाने के लिए पीएम के शहर का विकास। इसी योजना के तहत गोमती पर तैयार हुए रीवर फ्रंट के तर्ज पर अब वरूणा को तैयार करने की कवायद की जा रही है। इसके लिए प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन सुरेश चंद्रा काशी पहुंचे है।
गोमती की तर्ज चमकेगी वरूणा
वरूणा पर तैयार होने वाला ये कॉरिडोर लगभग 201.65 करोड़ की लागत से तैयार किया जायेगा। इसी लम्बाई तकरीबन 10.3 किमी लंबा होगा। चंद्रा ने इस बावत जानकारी देते हुए बताया कि 5 दिसम्बर तक कॉरिडोर के बाबत सारा काम निपटा लिया जायेगा। वैसे ये प्रोजेक्ट मार्च 2016 से शुरू हुआ है जिसे निर्धारित समय के पहले पूरा किया जायेगा। जबकि इस प्रोजेक्ट के दौरान करीब ढाई महीने बाढ़ के कारण काम ठप पड़ गया था। लेकिन इसके बाद भी इसका काम समय से पहले पूरा किया जा रहा है।
अखिलेश सरकार के दौरान नदियों को लेकर उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत एक गोमती पर रीवर फ्रंट बनाकर उसको पर्यटन की दृष्टि से खूबसूरत और तैयार किया गया है। अब बारी काशी की वरूणा की है। जिसके कॉरिडोर का काम पूरा कर लिया गया है। इस मद में राज्य सरकार की ओर से तकरीबन 125 करोड़ रुपए दिये जा चुके हैं।
क्या क्या काम किये गये हैं वरूणा को चमकाने के
10.3 किमी के इस कॉरिडोर में 4 घाटों के बनाने का प्राविधान है। अब तक मिले बजट का उपयोग ड्रेजिंग, कंस्ट्रंक्शन, रेलिंग, चौड़ीकरण के साथ ज्ञानपुर कैनाल से गंगा का पानी प्रवाह करने तक का काम किया जा रहा है। नदी के दोनों तरफ एक लंबा प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। जिस में लोगों के बैठने की सुविधा होगी। पार्क के दोनों तरफ लाइटिंग की सुविधा की जा रही है। घाट की सुन्दरता बढ़ाने के लिए पुल के बीच में फाउंटेन लगवाकर चारों तरफ फूल-पौधे लगवाये जा रहे हैं। इसके अलावा घाट पर सोलर लाइटें लगवाई जा रही हैं।
हांलाकि राज्य सरकार का दावा है इस पूरी योजना में केन्द्र की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई है। जबकि अब काम पीएम के संसदीय क्षेत्र में हो रहा है। आने वाले दिनों में इस कॉरिडोर के विकसित होने पर विदेशी पर्यटकों की आमद बढ़ेगी जिससे आय मे इजाफा होगा। इसके साथ ही इस कॉरिडोर को विकसित और पर्यटन की दृष्टि से सजाने के लिए यहां पर लोकल संस्कृति का भी सहारा लिया जायेगा।