उत्तर प्रदेश में जारी समाजवादी पार्टी के साइकिल की सियासत पर चुनाव आयोग आज अपना अंतिम निर्णय लेगा। चुनाव आयोग के निर्णय के बाद अब यह साफ हो जाएगा कि पिता पुत्र के इस लड़ाई के बीच साइकिल की सवारी कौन करेगा। ताजा खबरों के मुताबिक सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने आखिरी बार पार्टी को टूटने से बचाने के लिए अखिलेश यादव से बातचीत की है।
लाइव अपडेट-
- मुलायम ने कहा, मैं पार्टी का मार्गदर्शक, अखिलेश हैं सीएम
- चुनाव आयोग के सामने नरम पड़े मुलायम
- चुनाव आयोग की लंच के बाद की बैठक में मुलायम सिंह ने रखा अपना पक्ष
- अखिलेश के वकील ने कहा, विधायकों का बहुमत अखिलेश के पास
- अखिलेश ने ठोका साइकिल निशान पर दावा
- सुलह के लिए मुलायम सिंह ने की अखिलेश यादव से फोन पर बातचीत
- अखिलेश यादव की तरफ से पक्ष रख रहे हैं वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल
- दोनों गुट रख रहे हैं अपना अपना पक्ष
- चुनाव आयोग कर रहा है सुनवाई
- पार्टी चिन्ह को लेकर समाजवादी पार्टी में छिड़ी है जंग
दो खेमे में बंट चुकी समाजवादी पार्टी में अखिलेश के खेमे की कमान रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल ने संभाली है तो वहीं मुलायम की ओर से जिम्मा अमर सिंह और शिवपाल ने उठाया है। वहीं ऐसी खबरें आ रही है कि नरेश अग्रवाल ने मुलायम से अपील की है कि वो चुनाव आयोग में पीछे हट जाएं और अखिलेश को पार्टी की कमान सौंप दें। हालांकि कुछ दिन पहले मीडिया से बात करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अखिलेश ही होंगे और किसी भी कीमत पर पार्टी टूट नहीं सकती। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव अपनी याचिका वापस ले सकते हैं।
फिलहाल अखिलेश के समर्थक रामगोपाल यादव का कहना है कि अखिलेश के समर्थन में 229 में से 212 विधायक हस्ताक्षर कर चुके हैं। इसलिए साइकिल चुनाव चिन्ह पर सिर्फ अखिलेश यादव का हक है।