देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी की भव्य पासिंग आउट परेड में 347 भारतीय और 80 विदेशी कैडेटों ने प्रतिभाग करते हुए ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग से अपने अन्तिम पग भरे भारतीय सैन्य अकादमी के ड्रिल स्क्वायर पर जोश से भरे कदम पड़ें तो
बैठे लोगो का हुजूम गदगद हो गया साल 1932 में भारतीय सैन्य अकादमी जो कि इंडियन मिलिट्री कॉलेज के तौर पर जाना जाता था इस अकादमी की शुरूआत हुई उस वक़्त 40 जैन्टिल मैन कैडेटों के साथ पहला बैच पॉयनियर शुरू हुआ इसी बैच से फ़ील्ड मार्शल सैम मॉनेक शाह, पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ जनरल मोहम्मद मूसा और म्यांमार आर्मी चीफ़ जनरल स्मिथ डन इसी अकादमी के पहले बैच का हिस्सा रहे थे।
बता दें कि अकादमी के इसी गौरवशाली इतिहास और परम्परा का निर्वहन हर साल दो बारयहाँ पर पासिंग आउट परेड में देखने को मिलता है 58 हज़ार से अधिक कैडेट अभी तक इस अकादमी ने सेना को अधिकारी के तौर पर दिए है इस बार पासिंग आउट परेड में 347 भारतीय और 80 कैडेट विदेशी पास आउट हो रहे हैं। इस बार परेड के मुख्य अतिथि भारतीय सेना उप सेना प्रमुख देवराज अनभू इस परेड की सलामी ली इसके पहले अकादमी के उप समादेशक मेजर जनरल ने सलामी ली इसके बाद समादेशक लेफ्टीनेंट जनरल सुनील कुमार झा ने परेड की सलामी ली सलामी के बाद खुली जीप में उप थलसेना अध्यक्ष और समादेशक व उप समादेशक ने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया।
वहीं इस परेड में अकादमी का सर्वोच्च सम्मान गोल्ड मेडल और शोल्ड ऑफ़ ऑनर जैन्टिल मैन कैडेट अर्जुन ठाकुर को मिला, वहीं सिल्वर मेडल गुरूवीर सिंह तलवार और ब्राउंज मेडल गुरूवंश सिंह गोसाल को दिया गया तकनीकि कोर्स में सिल्वर मेडल कैडेट हर्ष वंशीवाल को मिला विदेशी कैडेट को दिया जाने वाला उत्कृष्ट प्रदर्शन का मेडल विशाल चंद्र वाजे को मिला इस परेड का चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टॉफ बैन सैंगो कम्पनी को मिला इस परेड को सम्बोधित करते हुए उप थलसेना अध्यक्ष ने सभी जैन्टिल मैन कैडेट को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं और भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा बनने पर स्वागत किया।
इस बार की पासिंग आउट परेड के साथ भारतीय सेना को अकादमी ने 59038 अधिकारी प्रदान कर दिए इसके साथ मित्र राष्ट्रों को 2265 कैडेट प्रदान किए साल 1932 से अब तक अकादमी ने 61303 कैडेटों को भारत समेत मित्र राष्ट्रों को अफ़सर के तौर पर प्रदान किए हैं भारतीय सैन्य अकादमी का ये पल हर कैडेट के लिए सबसे गौरव शाली होता है जब वह एवार्ड सेरेमनी के बाद एक सधे कदमों से धीरे धीरे अन्तिम पग को पार करता है तो सेना उसके स्वागत में सेना का हेलीकॉप्टर जहां आसमान से फूलों की बारिश करता है वहीं सेरेमनी में आए अधिकारी और परिजन अपनों की इस उपलब्धि पर खड़े होकर उनका स्वागत करते हैं भारतीय सैन्य अकादमी।