इस्लामाबाद। पाकिस्तान हमेशा से ही ये बात कहता चला आया है कि वो आतंकवाद के खिलाफ हमेशा लड़ता चला आया है। लेकिन आज एक ऐसी खबर सामने आई है कि जिससे पाकिस्तान का दोहरा चेहरा सबके सामने आ गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के गृहमंत्री निसार अली खान ने बैन हुए आतंकी समूहों से मुलाकात की। बता दें कि इनमें से एक आतंक के मुखिया को अमेरिका ने खूंखार आतंकी लिस्ट में शामिल भी किया है।
खबर के अनुसार तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान 2 नवंबर को सरकार के खिलाफ एक विरोध मार्च निकालेंगे जिसमें इन आतंकी सरगनाओं के शामिल होने की आशंका थी। इसी आशंका के चलते पाकिस्तान के गृहमंत्री निसार खान ने इन आकाओं से मुलाकात कर उनको विरोध मार्च में शामिल नहीं होने की अपील की। इन आतंकी सरगनाओं के नाम हरकत उल मुजाहिदीन (एचयूएम) का सरगना मौलाना फजलुर रहमान खलीली और ए सहाबा के सरगना मुहम्मद अहमद लुधियानवी बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले तालिबान के गॉदफादर कहे जाने वाले मौलाना सली उल हक ने ऐलान किया था कि वो सरकार के खिलाफ हो रहे इमरान खान के विरोध मार्च में शामिल होंगे। मौलाना दिफ्श-ए-पाकिस्तान काउंसिल (डीसीसी) पार्टी के मुखिया है। जिसके बाद से पाकिस्तान की सियासत में काफी गर्मा गई थी। वहीं ऐसी खबरें आ रही है कि पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री के हवाले से बताया गया कि सरकार अगले 10 दिनों के भीतर पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख जनरल के नाम की घोषण कर देगी, हालांकि अभी किसी खास नाम पर कोई चर्चा नही है।
जानकारियों के अनुसार पाकिस्तान के मौजूदा आर्मी चीफ का कार्यकाल इस साल के अंत में हो जाएगा, इसको लेकर सरकार पहले से ही नए आर्मी चीफ की घोषण कर देगा, साथ ही आपको यह भी बता दें कि निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि उन्हे दूसरा कार्यकाल नहीं चाहिए। आपको बताएं कि इससे पहले आर्मी चीफ रहे अशफाक परवेज कयानी ने भी अपना दूसरा कार्यकाल लेने से मना कर दिया था।