नई दिल्ली। शिव रात्रि शिव और शक्ति के मिलन का विशेष पर्व है। हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में इस शिवरात्रि का भी बहुत महत्त्व है। धार्मिक मान्यता है कि ‘मासिक शिवरात्रि’ के दिन व्रत आदि करने से भगवान शिव की विशेष कृपा द्वारा कोई भी मुश्किल और असम्भव कार्य पूरे किये जा सकते हैं।
जो भक्त ‘मासिक शिवरात्रि’ का व्रत करना चाहते है, वह इसे ‘महाशिवरात्रि’ से आरम्भ कर सकते हैं और एक वर्ष तक कायम रख सकते हैं। यह माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि के व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा से कोई भी मुश्किल और असम्भव कार्य किया जा सकता है।
ऐसा कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं को जागरण करना चाहिए और रात्रि के दौरान भगवान शिव की पूजा करना चाहिए। अविवाहित महिलाएं इस व्रत को विवाहित होने हेतु एवं विवाहित महिलाएं अपने विवाहित जीवन में सुख और शान्ति बनाये रखने के लिए इस व्रत को करती है। हिन्दू पुराणों के अनुसार शिवरात्रि का व्रत देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री , सीता , पार्वती और रति ने भी व्रत किया था।
योगेश जैन, ज्योतिष गुरु
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