नई दिल्ली। बांके बिहारी जी का मंदिर न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी इस मंदिर की काफी मान्यता है। भगवान के दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते है और उनकी एक झलक पाने के लिए आतुर रहते है। वैसे तो बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए मंदिर में हमेशा से ही लोगों की लंबी लाइन लगी रहती है लेकिन शरद पूर्णिमा के दिन खास मान्यता के चलते लोग उनके दर्शन मात्र को लेकर सुबह से ही मंदिर में लाइन लगाकर दर्शन की घंटों प्रतीक्षा भी करते हैं।
बांके बिहारी गर्भ ग्रह से बाहर आकर धारण करते हैं मुकुट:-
शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी मंदिर में न केवल ठाकुर जी का एक अलग तरीके से श्रृंगार किया जाता है बल्कि विशेष आरती का आयोजन भी होता है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बांके बिहारी मंदिर के पुजारी बृजेश गोस्वामी ने भारत खबर को फोन पर बताया कि आज के दिन बांके जी अपने निज महल गर्भ ग्रह से बाहर आकर मुकुट को धारण करते हैं और ऐसा साल में सिर्फ एक ही बार होता है। लगभग 8:15 से 8:45 के बीच में चंद्रमा की रोशनी में बिहारी जी के दर्शन कराए जाते है। थोड़ी-थोड़ी देर बाद लाइट्स को बंद कर दिया जाता है और चंद्रमा की रोशनी ठाकुर जी पर पड़ती रहती है। जब ये रोशनी ठाकुर जी के मुखाग्र बिेंदु पर आ जाती है उसे समय ठाकुर जी का भोग रख दिया जाता है।
आगे देखिए गोपयों के साथ किस दिन ठाकुर जी ने के किया था रास