नई दिल्ली। घर में कोई भी शुभ काम हो जैसे कि दीवाली या फिर शादी-ब्याह लोग अपने घर की चौखट पर स्वास्तिक बनाते है जिसे लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार स्वास्तिक का चिन्ह भगवान गणेश का स्वरुप है जिसमें सभी बाधाएं और अमंगल दूर करने की क्षमता होती है। इसी वजह से घर में किसी भी शुभ काम को करने से पहले गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। स्वास्तिक को धन की देवी लक्ष्मी जी का प्रतीक माना गया है इसलिए लोग किसी भी शुभ कार्य करने से पहले अपने घर पर इसे बनाकर शुभकामना की प्रार्थना करते है। लेकिन स्वास्तिक को अलग-अलग ढंग से भी बनाया जाता है जिससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ बरकत बनी रहेगी। तो चलिए जानते है स्वास्तिक के बनाने के कुछ और तरीके…
सिंदूर से स्वास्तिक बनाकर होती है मां लक्ष्मी प्रसन्न:-
अक्सर लोग दीवाली के समय अपने घर के बाहर या फिर आंगन में रंगोली बनाते है जो कि मंगलकारी होता है। ऐसा कहा जाता है कि घर के बाहर कुमकुम, सिंदूर या रंगोली से बनाया गया स्वास्तिक काफी लाभकारी होता है। इसे बनाने से देवी और देवता घर में प्रवेश करते हैं।
स्वास्तिक के बीच में रखे भगवान की मूर्ति:-
ऐसा कहा जाता है कि स्वास्तिक शुभता का प्रतीक होता है। इसलिए इसे बनाकर बीचोबीच में जिस भगवान की मूर्ति रखी जाती है उससे वो भगवान जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसके साथ ही अगर आप अपने किसी ईष्ट भगवान की पूजा-अर्चना करते है तो वहां पर स्वास्तिक को जरुर बनाएं।
दिया जलाना होगा मंगलकारी:-
कहा जाता है कि अगर स्वास्तिक बनाकर उसके ऊपर दिया जलाकर रखा जाए तो वो आपके लिए शुभता का प्रतीक होता है। साथ ही आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायक सिद्ध होता है।
गुड़ का लगाए भोग:-
जानकारों के अनुसार गुड़ का भोग लगाना मंगलकारी होता है। अगर किसी व्यक्ति के व्यापार में इजाफा नहीं हो रहा है तो वो 7 गुरुवार तक उत्तर-पूर्वी कोने को गंगाजल से धोए। उसके बाद उस स्थान पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर गुड़ का भोग लगाए इससे आपके व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी।