नई दिल्ली। कार्तिक पूर्णिमा के दिन से ही गंगा स्नान शुरु हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गोलोक के रासमंडल में श्री कृष्ण ने राधा जी का पूजन किया था और इसी वजह से इस दिन राधा जी का उत्सव मनाया जाता है। इसके साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस दिन धरती पर देवी तुलसी ने जन्म लिया था।
जानिएं कार्तिक पूर्णिमा की खासियत:-
-मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को राधिका जी की शुभ प्रतिमा का दर्शन और वन्दन करके मनुष्य जन्म के बंधन से मुक्त हो जाता है।
-बैकुण्ठ के स्वामी विष्णु को तुलसी के पत्र चढ़ाए जाते है।
-भगवान कृष्ण और राधा जी का पूजन करना काफी लाभकारी साबित होता है।
– बताया जाता है कि जो व्यक्ति तुसली वृक्ष के नीचे राधा और कृष्ण की मूर्ति का पूजन करते हैं उन्हें जीवनमुक्त समझना चाहिए।
-तुलसी के अभाव में आंवलें के नीचे पूजन करना चाहिए |
-कार्तिक मास में पराये अन्न, गाजर, दाल, चावल, मूली, बैंगन, घीया, तेल लगाना, तेल खाना, मदिरा, कांजी का त्याग करें |
-कार्तिक मास में अन्न का दान अवश्य करें।
-इस पूर्णिमा को महाकार्तिकी भी कहा गया है।