धनतेरस का त्योहारः दिवाली का पर्व भारत के बड़े त्योहारों में एक है जो कि इस साल 7 नवंबर, 2018 को मनाया जाएगा। दिवाली से ठीक उससे दो दिन पहले यानी कि आज 5 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन खासतौर पर उनकी पूजा की जाती है। धनतेरस को मां लक्ष्मी और गणेश जी की भी पूजा होती है।माना जाता है कि इस पर्व नईं वस्तुएं खरीदना शुभ होता हैं।
दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस को लेकर बाजारों में खासी रौनक देखने को मिल रही है। दरअसल धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी जन्म हुआ था इसीलिए इस दिन को धनतेरस के रूप में पूजा जाता है। इस दिन गहनों और बर्तन की खरीदारी जरूर की जाती है।शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान त्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है। धन और वैभव देने वाले इस त्रयोदशी का विशेष महत्व माना गया है।
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माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय बहुत ही दुर्लभ और कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा का चंद्रमा,कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरी और कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था। यही वजह है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन और उसके दो दिन पहले त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है।
दीवाली का हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन आपको ये जानकर खुशी होगी की इस दिवाली पर कुछ राशियों की किस्मत चमकाने वाली हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ब्रह्मांड में ग्रह अपनी दिशा और चाल बदलते रहते हैं। जिसका प्रभाव विभिन्न राशियों पर भी पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शुक्र ग्रह ने 5 अक्टूबर को अपनी चाल में परिवर्तन किया है। शुक्र ग्रह पीछे की ओर परिक्रमा करने लगा है, यानि वक्री हो गया है। गौरतलब है कि ग्रह उल्टे चलते नहीं है, बस उल्टा चलते हुए प्रतीत ही होते हैं। शुक्र ग्रह की चाल इस स्थिति में 16 नवंबर तक रहने वाली है। इसका मतलब हुआ कि दिवाली के शुभ अवसर पर भी शुक्र वक्री रहने वाला है।
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कार्तिक मास की अमावस्या यानी दिवाली के त्यौहार को यूं भी शुभ ही माना जाता है। इस त्यौहार पर माता लक्ष्मी की आराधना से घर में सुख-समृद्धि की बरसात होती है। फिर इस बार तो इस दौरान शुक्र के वक्री होने से सोने पर सुहागा वाली बात हो जाएगी।आपको बता दें कि धनतेरस पर आपको क्या खरीदना चाहिए, लगभग सभी जनते हैं। लेकिन धनतेरस को किन चीजों नहीं खरीदना चाहिए। इसके बारे में हम आपको बता रहें हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिनके धनतेरस के दिन खरीदतने से मंगल की बजाए घर में अमंगल होता है।
धनतेरस के दिन खरीदारी में कहीं आप गलती ना करें। इसी लिहाज से हम आपको ऐसी अमंगल करने वाली वस्तुओं की सूची नीचे उपलब्ध करा रहे हैं।धनतेरस को अगर खरीदारी का महादिन और शुभ दिन कहें तो जरा भी गलत नही है। धनतेरस की दस्तक के साथ ही दिवाली के त्योहार के आने का एहसास होने लगता होता है। मान्यता है कि धनतेरस के शुभ दिन पर सोना, चांदी और बर्तन खरीदने से पूरे साल संपन्नता बनी रहती है।
लोहा– धनतेरस के दिन लोहे की बनी हुईं चीजें घर में नहीं लानी चाहिए।अगर आपको लोहे के बर्तन खरीदने हैं तो धनतेरस से एक दिन पहले ही बर्तन खरीद लें।
खाली बर्तन नहीं लेने चाहिए– अब आपको कोई दुकान से अनाज भरकर बर्तन नहीं बेचने वाला । इसलिए कोशिश करें कि घर में बर्तन लाने से पहले इसे पानी या किसी दूसरी चीज से भर लें।मालूम हो कि धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा का अतीत काफी विस्तृत है। स्टील भी लोहा का ही दूसरा रूप है इसलिए कहा जाता है कि स्टील के बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदने चाहिए। स्टील के बजाए कॉपर या ब्रॉन्ज के बर्तन खरीदे जाने चाहिए।
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काले रंग के बर्तनः
गौरतलब है कि धनतेरस के दिन काले रंग की चीजों को घर लाने से बचना चाहिए।क्योंकि धनतेरस एक बहुत ही शुभ दिन है जबकि काला रंग हमेशा से दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है इसलिए धनतेरस पर काले रंग की चीजें खरीदने से परहेज करना चाहिए।
धारदार हथियार और तेलः
धनतेरस के दिन यदि आप खरीदारी कर रहे हैं तो याद रहे कि धारदार हथियार जैसे चाकू, कैंची आदि के खरीदने से बचना चाहिए। इस दिन के दिन तेल या तेल के उत्पादों जैसे घी, रिफाइंड बगैरह भी खरीदना अशुभ है। बता दें कि धनतेरस के दीये जलाने के लिए तेल और घी की आवश्यकता होती है।इसलिए ये चीजें पहले से ही खरीद कर रखनी चाहिए। कांच का संबंध राहु से माना जाता है इसलिए धनतेरस के दिन इसे खरीदना अशुभ है। इस दिन कांच की चीजों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।