नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों का अगर सबसे ज्यादा किसी ने फायदा उठाया है तो वो चीन है। फिर चाहे ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोकना है, आंतकी मसूद अजहर के समर्थन में वीटो का प्रयोग करना हो या फिर एनएसजी में भारत की सदस्यता में अड़ंगा लगाना हो। लेकिन हाल में चीन के आए बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद आने वाले नए साल में दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार हो।
हालांकि भारत चीन की तरफ से मसूद अजहर और आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के बैन पर रुख साफ किए जाने का इंतजार कर रहा है…लिहाजा उसका रुख साफ होने के बाद ही भारत इस मामले को लेकर अपना रुख तय करेगा।
बरहाल नए साल के पहले दोनों देशों के अच्छे रिश्तों की आशा करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। चीन की प्रवक्ता चुनिंग का कहना है कि विकास के लिए दोनों देशों के अधिक निकटता वाली भागीदारी की ओर बढ़ने के लक्ष्य के साथ इस साल चीन और भारत के संबंधों में लगातार सुधार देखने को मिला है। पड़ोसी होने के नाते दो बड़े देशो में मतभेद होना स्वाभाविक है लेकिन कूटनीतिक तरीके से समाधान निकालने के रास्ते तलाश रहे हैं।
बता दें कि मार्च महीने के अंत में चीन ने मसूद को अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने पर वीटो लाकर रोक लगा दी थी। हालांकि इससे पहले भी चीन वीटो ला चुका है । संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में 15 देश शामिल है जिसमें से मसूद को आतंकी घोषित करने के लिए भारत को 14 देशों का समर्थन प्राप्त यानि कि सिर्फ चीन ही एक ऐसा देश है जो भारत का इस मुद्दे पर जमकर विरोध कर रहा है।