नई दिल्ली। करीब 6 साल पहले समाप्त की गई सीबाएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षा को सरकार पुनः शुरु करने के विचार में है। छात्रों पर से दबाव कम करने को लकर सरकार यह फैसला ले सकती है। बोर्ड परीक्षा खत्म करने के बाद से ऐसी बाती उठ रही थी कि शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, जिसपर गौर करते हुए सरकार यह फैसला ले सकती है। आपको यहां पर बता दें कि 25 अक्टूबर को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक का आयोंजन किया जाना है, जिसमें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व में यह फैसला लिया जा सकता है।
यहां आपको याद दिला दें कि गत मंगलवार को एक बैठक में मंत्रालय ने कार्यसूची में कुछ नए प्रस्तावों को भी जोड़ा है जिसमें 10वीं की बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य करने की बात को उठाया गया है। आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन मंत्री कपिल सिब्बल नें 10वीं की बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य बना दिया गया था। आंकड़े बताते हैं कि मौजूदा दौर में करीब 70 फीसदी छात्र बोर्ड की परीक्षा नहीं देते हैं।
नए नियमों पर बोलते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभिभावको द्वारा ऐसे शिकायत मिलते रहे है कि 10वीं में बोर्ड की परीक्षा खत्म होने के कारण शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। छात्रों में 10वीं मे फेल होने का कोई डर नहीं है जिससे वे पढ़ाई भी नहीं करते हैं, ऐसा भी पाया गया है कि 10वीं में बोर्ड की परीक्षा ना देने वाले छात्र सीधे तौर पर 12वीं की बोर्ड परीक्षा में स्वयं को अस्वस्त नहीं पाते हैं, छात्रांे पर से 12वीं परीक्षा के इस दवाब को खत्म करने और शिक्षा के स्तर को सुधारने को लेकर मंत्रालय यह फैसला ले सकती है। यहां आपको यह भी बता दें कि सीबीएसई ही एकमात्र ऐसा बोर्ड है जिसमें 10वीं की परीक्षा अनिवार्य नहीं है।