सीबीआई विवाद: उच्चतम न्यायालय ने 26 अक्टूबर को सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) को आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की आरम्भिक जांच की 2 हफ्तों में रिपोर्ट सौपने को कहा था। आज सीवीसी ने कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट सौंपी हैं। हालांकि इस मामले में सुनवाई को कोर्ट ने अगले शुक्रवार तक टाल दिया है।
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बता दें कि सीबीआई विवाद पर सीवीसी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद जांच रिपोर्ट पेश की है। पेश की गई रिपोर्ट में देरी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी को फटकार लगाई है। सीवीसी की ओर से कोर्ट में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा गया कि यह 3 सेटों में है।कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट समय पर क्यों नहीं दाखिल की।कोर्ट ने कहा कि रविवार को भी सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री खोली गई थी फिर भी CVC की रिपोर्ट पेश नहीं हुई।
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प्रकरण पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव द्वारा लिए गए फैसलों को भी शामिल किया है। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि राव कोई नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। मालूम हो कि राव ने अंतरिम डायरेक्टर का पदभार संभालते ही सीबीआई के कई अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए थे।
कोर्ट ने 26 अक्टूबर को CVC को 2 हफ्तों में जांच रिपोर्ट देने को कहा था
गौर करें कि केंद्र द्वारा छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतकर्ता आयोग को 2 हफ्तों में जांच रिपोर्ट देने को कहा था। वर्मा ने खुद को छुट्टी पर भेजने पर सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है।गौर हो कि केंद्र सरकार ने वर्मा से सारे अधिकार छीनकर छुट्टी पर भेजा है। मिली जानकारी के अनुसार सीवीसी की जांच में आलोक वर्मा के खिलाफ किसी भी तरह के खास सबूत नही मिले हैं। राकेश अस्थाना द्वारा वर्मा पर लगाए गए आरोपों को वर्मा ने पूरी तरह से नकारा है।