नई दिल्ली। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष द्वितीया को भार्इ दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें, भाइयों की दीर्घायु की कामना के साथ उनका तिलक करती हैं तो भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। मान्यता है कि नरकासुर का वध करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण इस दिन अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे। इस त्योहार को यम द्वितीया के रूप में भी मनाया जाता है।
वहीं कहा जाता है कि यह दिन ऐसा है जब यमराज अपना सारा कामकाज छोड़कर धरती पर अपनी बहन के घर आते हैं। यमराज जब अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे तो यमुना ने उन्हें अपने हाथ से भोजन बनाकर खिलाया। यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि जो व्यक्ति यम द्वितीया के दिन यमुना के जल में स्नान करता है और बहन के घर जाकर उनके हाथों से बना भोजन करता है उसकी आयु लंबी होती है।
बता दें कि इस दिन बहन के घर वस्त्र, उपहार लेकर जाना चाहिए एवं बहन के घर ही भोजन करना चाहिए। रक्षाबंधन वाले दिन भाई के घर तो भाई दूज के दिन बहन के घर भोजन करना अति शुभ फलदायी होता है। अगर किसी बहन के भार्इ नहीं हो तो वह चंद्रमा की पूजा करें।