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देशभर में धनतेरस की धूम, बाजारों में उमड़ी भीड़

Market is in full swining to on dhanteras देशभर में धनतेरस की धूम, बाजारों में उमड़ी भीड़

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में धनतेरस को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देव धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इसीलिए इसे धनत्रयोदशी या धनतेरस भी कहा जाता है। कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाए जाने वाले इस त्योहार की हर जगह अलग-अलग मान्यताएं हैं। स्कन्द पुराण की व्याखया में बताया गया है कि इस दिन धन्वंतरि देव अमृत कलश के साथ सागर मंथन से निकले थे। जिस कारण इस दिन धनतेरस के साथ-साथ धन्वंतरि जयंती को मनाने का भई प्रचलन है। दीवाली से एक दिन पहले आज यह त्योहार पूरे भारत में मनाया हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।

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धनतेरस कथा :-

मान्यताओं के अनुसार किसी समय में हेम नाम के एक राजा थे। देव कृपा से उन्हें पुत्र धन प्राप्त हुआ। बालक की कुंडली देखकर ज्योतिषों ने विवाह के चार दिन बाद ही उसकी मृत्यु हो जाने की भविस्यवाणी की। यह सुनकर राजा अत्यंत चिंतित हो गए। ज्योतिषों की बात से घबराकर राजा ने राजकुमार को ऐसी जगह भेजने का निर्णय लिया जहाँ वो किसी नारी के संपर्क में ना आ सके। योग से एक दिन किसी राजकुमारी को देखकर राजकुमार उसकी तरफ आकर्षित हो गए और दोनों ने गन्धर्व विवाह कर लिया। विवाह के बाद ज्योतिषों की बात सच हो गई और विवाह के चार दिन के उपरांत ही यमदूत राजकुमार के प्राण लेने आ गए। राजकुमार की नवविवाहित पत्नी का विलाप देखकर यमदूत का हृदय भी पिघल गया लेकिन वे राजकुमार की मृत्यु को रोक नहीं सकते थे। यमदूत ने यम से राजकुमार की अकाल मृत्यु को रोकने का कोई उपाय निकालने की विनती की। इस पर यमराज ने कहा कि मृत्यु जीवन का सत्य है, रेकी नहीं जा सकती। लेकिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की रात्री मेरा पूजन दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर विधि विधान से करने पर अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है। यही वजह है इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा में दीप प्रज्जवलित करने का प्रचलन है।

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धनतेरस पर खरीदें चांदी:-

धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर सम्भव न हो तो कोइ बर्तन खरीदें। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है सुखी है और वही सबसे धनवान है।

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पूजन-विधि एवं मान्यतांए :-

– धनतेरस के दिन ही घर में गणेश-लक्ष्मी को लाना शुभ माना जाता है।

– ये मान्यता है कि इस दिन किसी को उधार देने को शुभ नहीं माना जाता। इसलिए इस दिन उधार देने से बचना चाहिए।

– धनतेरस पर धन के देवता कुबेर के साथ यमराज की पूजा भी की जाती है।

-यह पूजा यमदेव को प्रसन्न करने के लिए होती है, रात के समय दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर यम से दीर्घायु की कामना की जाती है।

-इस दिन चांदी खरीदना शुभ होता है, इसलिए चाँदी या चाँदी से बने बर्तन खरीदने चाहिए।

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