नई दिल्ली। नोटंबदी पर सवाल जबाब को लेकर बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल संसद की स्थायी समिति के सामने पेश हुए, हालांकि इस दौरान गर्वनर कई बड़े सवालों पर जबाब देने से बचते दिखे। उर्जित पटेल समिति द्वारा बैंकिंग व्यवस्था कब तक सामान्य हो जाएगी इस सवाल पर भी चुप्पी बनाए रखी। आपको बता दें कि इससे पहले भी उर्जित पटेल को सुनवाई के लिए बुलाया जा चुका है।
बुधवार को समिति के सामने आरबीआई गवर्नर ने बताया कि नई करेंसी में 9.23 लाख करोड़ रुपए बैंकिंग सेक्टर में डाले जा चुके हैं, नोटों की समस्या अब काफी हद तक सही हो चुकी है लेकिन एक बार फिर वो इस सवाल से जबाब देने से बचते दिखे कि समस्या पूरी तरह से सामान्य कब तक हो जाएगी? इन सबके साक ही उर्जित पटेल ने संसदीय समिति को यह भी बताया है कि नोटबंदी की प्रक्रिया पिछले वर्ष जनवरी से ही शुरु हो गई थी।
उर्जित पटेल ने बताया कि जनवरी, 2014 में 1000 रुपये के नोटों की एक सीरीज को आंशिक रूप से वापस ले लिया था।