नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद बिजनेस जगत में हलचल का माहौल है। खबर के अनुसार लंबे समय से चुप्पी साधे साइरस मिस्त्री के टाटा ग्रुप को एक ई मेल किया है जिसमें उन्होंने कई बड़े खुलासे किए है। इसके साथ ही उन्होंने रतन टाट के ऊपर कई आरोप भी लगाए है। अपने ई मेल में साइरस ने लिखा कि इस तरह से पद से बर्खास्त किये जाने पर मैं बहुत दुखी हूं। मुझे वहां पर काम करने की बिल्कुल भी आजादी नहीं था वहां पर मैं सिर्फ एक कागजी चेयरमैन था।
अपने इस ई मेल में मिस्त्री ने लिखा कि नैनो के 1000 करोड़ रुपए का घाटा होने के बावजूद सिर्फ उसे इमोशनल कारणों की वजह से बंद नहीं किया जा सका। इसके साथ ही उन्होंने कहा टाटा ही थे जिन्होंने कंपनी को विमानन क्षेत्र में कदम रखने के लिए मजबूर किया गया और एयर एशिया व सिंगापुर एयलाइंस के साथ हाथ मिलाना एक औपचारिकता मात्र थी। उन्होंने कहा कि कंपनी के नियमों के अनुसार मुझे अपनी बात रखने के लिए 15 दिन का नोटिस जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मुझे पद से हटा दिया गया।
इसके साथी ही मिस्त्री ने कहा कि ई मेल में कहा है कि मुझे हटाए जाने के बाद कंपनी को 1.18 लाख करोड़ रुपए का घाटा हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा कि टाटा संस और ग्रुप कंपनियों के स्टेक होल्डर्स के प्रति जिम्मेदारी निभाने में डायरैक्टर्स विफल रहे और कार्पोरेट गवर्नैंस का कोई ख्याल नहीं रखा गया।
गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को साइरस मिस्त्री को टाटा कंपनी के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था जिसके बाद रतन टाटा और उनके बीच जुबानी जंग जारी है। इस बात की जानकारी देते हुए कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कंपनी के ‘दीर्घकालिक हितों’को ध्यान में रखते हुए किया गया है।