जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सरकार बनाने की हलचलें तेज हुई हैं। पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता राम माधव ने पूर्व मंत्री सज्जाद लोन से मुलाकात की, उसके बाद अब 5 पीडीपी विधायकों ने अपनी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की है। गुरुवार को पीडीपी के चार विधायक पहले ही पार्टी के खिलाफ बयान दे चुके थे, लेकिन शुक्रवार को पांचवें विधायक ने भी बयान दिया है.बारामूला से विधायक जावेद बेग का कहना है कि राज्य में जो भी नई सरकार बनेगी वह पारिवारिक राजनीति से अलग होनी चाहिए। विधायक का कहना है कि जिस तरह से पीडीपी काम कर रही थी, उन्हें वह ठीक नहीं लग रहा है। गुरुवार को ही पीडीपी के चार विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बयान दिया था। पीडीपी विधायक अब्दुल मजीद पड्डार का कहना है कि वह पार्टी से खुश नहीं हैं और अन्य विधायकों को भी सरकार बनाने की कोशिशें तलाशनी चाहिए। उनसे पहले इमरान अंसार, आबिद अंसारी, अब्बास अहमद भी पार्टी से नाराजगी की बात कर चुके हैं।
वहीं अब ये मामला राजधानी दिल्ली आ पहुंचा है, पीडीपी से निकाले गए नेता हसीब द्राबू ने गुरुवार शाम राजधानी दिल्ली में सज्जाद लोन से मुलाकात की। इस बैठक के लिए हसीब द्राबू स्पेशली मुंबई से आए और सज्जाद लोन से राज्य की राजनीतिक हलचल पर बात की। बता दें कि हसीब द्राबू ने ही पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन जब गठबंधन टूटने के करीब था तब उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल दिया गया था।
रियासत में सत्ता का मौजूदा सियासी गणित कुछ ऐसा है कि कोई भी दल बिना किसी सहयोग के सरकार नहीं बना सकता। राज्य में 28 विधायकों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं बीजेपी 25 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है। सरकार बनाने के लिए जिस ‘मैजिक फीगर’ की जरूरत है, वो है 44, यानि अगर बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश करती है तो उसे 19 विधायकों की जरूरत है।