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बर्थडे स्पेशल:- देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की कैसी थी लव स्टोरी, जाने

rajiv gandhi बर्थडे स्पेशल:- देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की कैसी थी लव स्टोरी, जाने

नई दिल्ली।   देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की आज जयंती है। आज हम आपको बताने जा रहे है कि राजीव गांधी के जीवन के बारें में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य। राजीव गाँधी का पूरा नाम राजीव फिरोज गांधी था जो देश के छठवें और सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। राजीव सिर्फ 40 वर्ष की उम्र में पीएम बन गए थे। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। 21 मई 1991 को आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में उनकी हत्या कर दी गई।

बर्थडे स्पेशल:- देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की कैसी थी लव स्टोरी, जाने
देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की कैसी थी लव स्टोरी

संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद ही राजीव गांधी भारत राजनीती में आए। इससे पहले वे इंडियन एयरलाइन्स में विमान चालक थे। 1981 में उन्होंने अमेठी में संसद सदस्य का चुनाव जीता और सन 1983 वे कांग्रेस पार्टी के महासचिव नियुक्त हुये। 31 अक्तुबर, 1984 के दिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के बाद उन्होंने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 1985 के आम चुनाव में प्रचंड जनमत प्राप्त कर उन्होंने विधिवत् प्रधानमंत्री का पदभार संभाला।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजीव गांधी की मौत एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी जिसपर अभी भी विवाद बना हुआ है। उनके हत्याकांड में शामिल आरोपी जेल में बंद हैं जिनकी रिहाई को लेकर समय-समय पर राजनीति होती रही है।

राजीव गांधी की शिक्षा

आज वह भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका विजन हम सबको आज भी प्रेरणा देता है। राजीव गांधी की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के दून स्कूल से हुई। 1961 में वह लंदन गये और वहां के इम्पीरियल कॉलेज और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की थी। साल 1966 में मां इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वे भारत वापस आ गए थे। साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने।

1985 के आम चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत के पीछे जनता जनार्दन की सहानुभूति एक महत्वपूर्ण कारण तो थी ही, मगर प्रधानमंत्री के पद पर राजीव गांधी के आरोहण का एक अन्य मुख्य कारण विभिन्न मसलो पर उनका आधुनिक दृष्टिकोण और युवा उत्साह था। भारतीय लोक्तान्त्र को सत्ता के दलालों से मुक्त कराने की बात कहने वाले वे पहले प्रधानमंत्री थे। भ्रष्ट नौकरशाही को भी उन्होंने आड़े हाथो लिया। उन्होंने ही सबसे पहले देश को एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में ‘इक्कीसवी सदी के ओर’ले जाने का नारा देकर जनमानस में नई आशाएं जगाई।

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