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मायावती और दयाशंकर की जंग ने बदली साल 2016 में सियासत की हवा

dayshankar mayawat मायावती और दयाशंकर की जंग ने बदली साल 2016 में सियासत की हवा

नई दिल्ली। इस साल जुबान की जंग ने बसपा और भाजपा के रिश्तों में तल्खी और भी बढ़ा दी । इस साल भाजपा से निष्कासित भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की जुबान से दौलत की देवी अरे माफ करियेगा दलितों की देवी की शान में अमर्यादित शब्द निकले।

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फिर तो मानो शंकर के तीसरे नेत्र पर जैसे कामदेव का तीर लगा हो संसद से सड़क तक माया से सिद्दीकी तक सबके सब दयाशंकर की माँ बहन बेटी को ही पेश करने को कहने लगे।

दयाशंकर सिंह पर माया का पारा हुआ गरम

मैडम माया का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। अब मैडम ने दयाशंकर को सबक सिखाने की ठान ली।माया के रुख को देख भाजपा ने बैकफुट का रास्ता अपनाते हुए दयाशंकर की पार्टी से छुट्टी कर दी। दयाशंकर ने भी मौके की नजाकत देख देवी की शान में की गई गुस्ताखी पर माफी मांग ली। लेकिन माया कहां माफी से माने वाली थीं, संसद में हुंकार भरी तो सड़कों पर सैलाब उतर गया किसी ने सर की कीमत लगाई तो कोई माँ बहन और बेटी को पेश करो का नारा लगता दिखा।

सड़कों पर दिखा गुस्सा

ये बसपा का सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का संदेश सड़कों पर बिखर गया। फिर जैसे तैसे दयाशंकर पर एफआईआर और 36 घंटे में गिरफ्तारी के आश्वासन पर बहुजन समाज मान गया।लेकिन दयाशंकर के बयान और फिर जबाब में बसपा की गाली ने प्रदेश में एक नये राजनीतिक परिवर्तन को जन्म दे दिया ।मैडम माया और उनके सिपहसालारों ने जब दयाशंकर की मां बहन और बेटी के लिए अमर्यादित शब्द निकले तो ये ना सोचा होगा ये शब्द उनके लिए क्या परिणाम लाने वाले हैं। क्योंकि मायावती खुद पर एक कमेंट बर्दाश्त नहीं कर पाती । लेकिन दूसरों के ऊपर कीचड़ उछालने से नहीं चूकती लेकिन इस बार धब्बे उनके ऊपर ही पड़ गये थे।

स्वाती के सामने माया के शेर हुए ढ़ेर

दयाशंकर की पत्नी स्वाति ने जब माया टीम के खिलाफ एक सधे गेंदबाज की तरह बालिंग की तो शाम तक माया की टीम आंदोलन तो क्या पूरे मामले पर अपना स्पष्टीकरण लेकर हाजिर हो गई माया के राइट हैंड नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मीडिया को बुलाकर कहा कि हम दयाशंकर की मां बहन बेटी की इज्जत करते है। हमने जो कहा उसका गलत अर्थ निकाला गया । अब तक दयाशंकर का साथ छोड़ बैकफुट पर खड़ी भाजपा ने मौका देख स्वाति के सुर में सुर मिलाते हुए कहा अब बेटी के सम्मान में भाजपा मैदान में, कल तक जहाँ माया के लिए लोग सहानुभूति रखे हुए थे पर जैसे ही स्वाति ने दंगल में हुंकार भरी बस माया के तोते उड़ गये ।

माया ने अपनाया बैकफुट का रास्ता

सिपहसालार की प्रेस काम ना आई माया ने अब खुद मोर्चा संभालने की सोची और प्रेस बुलाकर मोदी से कांग्रेस और फिर सपा पर जमकर भड़ास निकाली। अन्तिम में कहा अब मैं महा रैली कर जबाब दूंगी।अब इस पूरे प्रकरण में दोनों तरफ से एफआईआर हो गई है। अब देखना है पुलिस और कानून के गिरफ्त में कौन आयेगा और कौन बचेगा । फिलहाल इस पूरे प्रकरण पर राज्यपाल ने संज्ञान ले कर सारी क्लिपिंग मंगाई है।

चुनावी साल में गम्भीर हो सकते हैं परिणाम

फिलहाल माँ बहन बेटी का ये संग्राम क्या गुल खिलायेगा ये वक्त ही जाने पर माया शायद ये भूल गई की जिस जुबान पर उन्होंने इतना दर्द हुआ उसकी जननी वही है । चलते चलते याद करा दूँ इनका सबसे चर्चित एक नारा था “तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार” जब माया ने ही इस जुबान की शुरूआत की तो अब दूसरे कर रहे है तो उनको क्यूँ बुरा लगा ये करोड़ों का सवाल है। आखिर माया का ये साल विवादों से इतना दो चार होता रहा है, कि पहले साथी बागी हुआ। फिर साथ के लोग बागी होते गये।

Piyush Shukla मायावती और दयाशंकर की जंग ने बदली साल 2016 में सियासत की हवाअजस्रपीयूष

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